मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू सभागार में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु किए गए कार्यों एवं व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू सभागार में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु किए गए कार्यों एवं व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की

*बीएचयू अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और अपने गौरव व प्रतिष्ठा के अनुरूप रिजल्ट दे- मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

*कोविड व नानकोविड के लिये अलग-अलग डायलिसिस मशीन रखें-योगी आदित्यनाथ

*सैंपलिग की जांच 24 घंटे में रिजल्ट आ जाए, ताकि पॉजिटिव मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो जाए

*प्राइवेट अस्पतालों में निर्धारित दरों से अधिक पैसा वसूली कतई नहीं हो, इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाए-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीएचयू सभागार में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु किए गए कार्यों एवं व्यवस्थाओं की विस्तृत समीक्षा की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि बीएचयू अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करें और अपने गौरव व प्रतिष्ठा के अनुरूप रिजल्ट दे। जहां-जहां भी डायलिसिस की व्यवस्था है वहां कोविड व नानकोविड के लिये अलग-अलग डायलिसिस मशीन रखें। सैंपलिग की जांच 24 घंटे में रिजल्ट आ जाए, ताकि पॉजिटिव मरीज का तत्काल इलाज शुरू हो जाए। बीएचयू में ओपीडी की क्षमता बढ़ाई जाए। होम आइसोलेशन के बाद एल-1 अस्पताल व्यवस्था की जरूरत कम हो गई है। अब एल-2 व एल-3 लेवल की व्यवस्थाएं बढ़ाई जाए। वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड की कमी नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्राइवेट अस्पतालों में निर्धारित दरों से अधिक पैसा वसूली कतई नहीं हो। इसके लिए समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। किसी अन्य रोग के मरीजों के अस्पताल में आने पर उसका एंटीजन टेस्ट कर कोविड-19 को देख ले। इसे प्राइवेट अस्पताल में भी लागू करें। सेम्प्लीग बढ़ाने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी में प्रतिदिन 4000 से 4500 हजार तक टेस्टिंग हो। उन्होंने सर्विलांस एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने पर जोर दिया। बीएचयू में सीनियर फैकल्टी राउंड करें।
मुख्यमंत्री ने बीएचयू में गत दिनों दो मरीजों के सुसाइड कर लेने का जिक्र करते हुए इसे चिंताजनक बताया और कहा कि इससे गलत संदेश जाता है। डॉक्टर और स्टाफ वार्ड में विजिट करें, तो मरीज की स्थिति का पता लगता रहता है तथा उसी अनुरूप मैनेज किया जाए तो ऐसी घटना नहीं होगी। बीएचयू पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ-साथ इससे लगे दूसरे राज्यों के मरीजों के इलाज के लिए लोगों में जाना जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दूसरी बार बीएचयू में इस महामारी से बचाव को पूरी क्षमता व जज्बा से कार्य करने के लिए आए हैं। राज्य सरकार से जो सहायता चाहिए, वह पूरी सहायता करेंगे। अच्छे परिणाम दिखाई देने चाहिए।
बीएचयू में आईसीयू के 150 बैड तैयार किए जाए। एफएचएनसी के अच्छे रिजल्ट आ रहे हैं। सभी अस्पतालों में इसे बढ़ाया जाए। बनारस के शहरी क्षेत्र में कोरोना मरीज ज्यादा है। यहां वार्ड वार सर्वे टीम लगाकर 100 सर्वे करें। होम आइसोलेशन के मरीज से प्रतिदिन मेडिकल टीम संपर्क रखें और उसकी तबीयत के अनुरूप व्यवस्था करें। किसी मरीज में लक्षण दिखने लगे तो तत्काल अस्पताल में भर्ती करें। उन्होंने कहा वाराणसी में उत्तर प्रदेश के सापेक्ष पॉजिटिव रेट व मृत्यु दर अधिक है। इसे सर्विलांस टेस्टिंग व तत्काल चिकित्सा व्यवस्था देकर घटाएं। कमांड कंट्रोल सेंटर प्रभावी रखें। वहां से मरीजों व अस्पतालों से बराबर संपर्क रखा जाए।
बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने पावर प्रजेंटेशन के माध्यम से जनपद के कोविड अस्पतालों में कोरोना बेड़ो की व्यवस्था, सैंपलिग, सर्वे, दवा वितरण आदि विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से जानकारी प्रस्तुत की। लॉकडाउन नियमों के उल्लंघन में अब तक तीन करोड़ 53 लाख रुपया जुर्माना वसूला गया। मास्क न पहनाने पर 143127 लोगों का चालान तथा 201156 वाहनों का चालान किया गया। जनपद में अब तक 106840 सेम्प्ल की जांच हो चुकी है। जिसमें 7746 पॉजिटिव मरीज पाए गए। अब तक 5851 व्यक्ति ठीक हो चुके हैं। जनपद का रिकवरी रेट 75.5 प्रतिशत है तथा मृत्यु दर 1.79 प्रतिशत है। पॉजिटिव रेट 7.25 प्रतिशत है।

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