– रेंजर की मनमानी से हो रहा अवैध कटान
– वन संपदा वन विभाग व माफ़ियायो के बना कमाई का साधन
ओबरा(सतीश चौबे)
वन भूमि पर अतिक्रमण व वनों का कायण सोनांचल में धड़ल्ले से हो रहा है। ओबरा वन प्रभाग के जायका वन समिति वर्दियां के प्लान्टेसन से कुछ ही माह में बेश कीमती खैर समेत सैकड़ो पेड़ वन कर्मियों की मिलीभगत से काट दिया गया। इस बात की गवाही प्लान्टेसन में मौजूद पेड़ो के ठूठ है।
पेड़ों के कटान को छुपाने के लिए वन कर्मियों व कटान करने वालों द्वारा कई कदम भी उठाए गए है। जान कर हैरत होगी कि कही ठूठ को खोदकर निकालने की कोशिश की गई है तो कही उसमे आग लगाकर सबूत को मिटाने का प्रयाश किया गया है। जायका के प्लान्टेसन में कटान का इतना बड़ा मामला सबकों चकरा दिया है। इसकी वजह यह है कि ऐसे प्लान्टेसन की रखवाली वन कर्मियों के साथ ही जायका वन समिति के सदस्यों के कंधे पर होती है। जिसमे गांव के कई लोग शामिल होते है। इससे तो यही खुलासा होता है कि वन समिति के सदस्यों की मिलीभगत से कटान को अंजाम दिया जा रहा है।
रेंजर का गैर जिम्मेदाराना बयान
रेंजर अनिल सिंह से अवैध कटान के बारे में पूछा गया तो वे झल्ला गए। कहने लगे कहा पेड़ है क्या है उन्हें नही मालूम वन दरोगा बताएगा।
बोले डीएफओ. .
ओबरा प्रभागीय वनाधिकारी प्रखर मिश्रा के मुताबिक पेड़ों के कटान के बारे में उन्हें जानकारी नही। इसकी जांच कराई जाएगी।
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