सोनभद्र। मंगलवार को वामदलों के पूर्व निर्धारित राज्यव्यापी कार्यक्रम के तहत भारतीय कम्युनिष्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पर अपने 15 सूत्रीय मांगों के समर्थन मे जोरदार प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति व राज्यपाल महोदय के नामित ज्ञापन प्रशासन को सौंपा ।
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जिलाधिकारी कार्यालय पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ जम कर नारेबाजी भी की । इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश के हालात चिंताजनक बने हुए है । उत्तर प्रदेश की हालात और भी खराब है जहां एक तरफ कोविड-19 संक्रमण के तेजी से प्रसार और उससे से हो रही मौतों से जनता को अमानवीय यातनाएं झेलनी पड़ रही है वही उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था बदतर है और यहां जंगल राज कायम हो गया है आए दिन अपरहण हो रहे हैं फिरौती बड़ी रकमें वसूल की जा रही हैं और रकम ऐंठने के बावजूद हत्या कर दी जा रही है । दिनदहाड़े लूट बलात्कार और दहेज हत्या हत्याएं मजदूरों किसानों दलितों एवं अल्पसंख्यकों का सामंतो सांप्रदायिको’और सत्तासीनों द्वारा उत्पीड़न रोजगार छीनने और का भाव से पीड़ित प्रवासी मजदूरों एवं दूसरे गरीब लोगों द्वारा आत्महत्याएे ,साधारण और सामाजिक नागरिकों पर पुलिसिया अत्याचार आदि सातवें आसमान पर है अनेक फर्जी मुठभेड़ दिखाकर तमाम अपराधियों को जेल भेजा जा रहा है फिर भी अपराध रुकने का नाम नहीं ले रहा है रोजगार नहीं मिल रहे हैं रोजगार देने के सरकार के सारे दावे खोखले निकल रहे हैं और कई बेरोजगार मजबूरी में भटक कर अपराध की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं , इन हालातों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो बैठे हैं । बिजली की समस्या ने तो सभी को परेशान कर रखा है कोरोना इलाज डाउन से लुटे पिटे लोगों को बिजली का बिल बढ़ाकर भेजा जा रहा है जिससे लोगों में भारी परेशानी हो रही है लोड फैक्टर बढ़ा दिया गया है और किसानों के नलकूपों का बिल 2 गुना 3 गुना आ रहा है आधे उत्तर प्रदेश में सूखा है बिजली की भारी कटौती से फसलें तबाह हो रही है। फाल्ट कटौती से गर्मी में बीमारों, बुजुर्गों ,बच्चों और नागरिकों को भीषण कष्ट झेलने पड़ रहे हैं मंडी कानून समाप्ति ने किसानों के कारपोरेट के हाथों लूटने की राह आसान कर दी है बिजली समेत हर सरकारी संपदा को बेचा जा रहा है उद्योग बंद हो रहे हैं और मजदूर सड़क पर आ रहे हैं कोरोनावायरस संक्रमण को रोकने और इलाज संबंधी व्यवस्थाएं चरमराई हुई हैं जिससे लोगों को अपार कष्ट झेलना पड़ रहा है ।सरकार ने कोरोना पीड़ितो को निजी अस्पतालों के हाथों लूटने के लिए छोड़ दिया है अन्य बीमारियों के मरीज भी बढ़ गए हैं इलाज ना मिलने से दम तोड़ रहे हैं पेट्रोल डीजल गैस बिजली की अभूतपूर्व महंगाई से हर चीज महंगी हो गई है और आर्थिक रूप से खोखली हो चुकी जनता को भूख कुपोषण और मौत के मुंह में सरकार द्वारा धकेला जा रहा है। गरीबों को राशन समय से नहीं मिल रहा है, भ्रष्टाचार और कोरोना की रफ्तार लगातार बढ़ रही है। ऑनलाइन कक्षाओं का लाभ गरीब परिवार के बच्चों को नहीं मिल पाने से बच्चे और उनके मां-बाप मानसिक तौर पर उत्पीड़न और परेशान हो रहे हैं । आधी से अधिक आबादी के पढ़ाई से वंचित रह जाने से सामाजिक संतुलन और अधिक बिगड़ने जा रहा है। संघ के सांप्रदायिक और पूंजीवाद को बढ़ाने वाले एजेंडे को पनपाने वाली नई शिक्षा नीति और अधिक संकट खड़ा करने जा रही है ।आम लोग अन्य तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं मगर केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकारी अपनी पुश्तैनी सांप्रदायिक एजेंडे को आगे बढ़ाने में व्यस्त है । संविधान की मर्यादाओं का लगातार उल्लंघन हो रहा है जिसे रोकने और समुचित समाधान की मांग को लेकर वामपंथी कार्यकर्ताओं द्वारा सुबे के मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया गया । पार्टी के जिला सचिव आर के शर्मा ने इस मौके पर जनपद के ग्रामीण फीडरों की बदहाल व्यवस्था पर जोर देते हुए कहा कि यहाँ के लोगों के लिए चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति होनी चाहिए इसके लिए हम लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के अति पीछड़े जनपद के विकास के लिए यहाँ एक अदद् कैमूर विश्वविद्यालय और यहाँ के लोगो को बेहतर चिकित्सा के लिए एम्स जैसे संस्थान की स्थापना की मांग हम करते है इसके साथ ही इस पन्द्रह सूत्रीय मांग में जनपद सोनभद्र के स्थानीय कल कारखानों में यहाँ के शिक्षित बेरोजगारों को नौकरी के लिए 60% प्रतिशत सीट सुरक्षित रखने की मांग को प्रमुखता के साथ रखा गया है ।
इस मौके पर राम लाल, एस एस मिश्रा, पूरसोत्तम प्रसाद, प्रेम चंद्र गुप्ता, मुन्ना राम, बाबू भाई, अनिल मौर्या (एडवोकेट ) अभिषेक श्रीवास्तव, दिनेश्वर वर्मा , बसावन गुप्ता, बूटन प्रसाद ,राम दुलारे आदि प्रमुखरुप से मौजूद रहे ।