करहिया बना रेत डंपिंग का सेफ जोन,डंपिंग करते समय ढ़हा दी स्कूल की चाहरदिवारी

ओम प्रकाश रावत विंढमगंज (सोनभद्र)स्कूल के बाहर ट्रेक्टर द्वारा दिन में रेत का करते हैं डंपिंग और रात में टिपरो से कर रहें हैं ढुलान।विंढमगंज सोनभद्र रेनुकूट वन प्रभाग व विंढमगंज वन रेंज के अंतर्गत तहसील मुख्यालय से 25 किमी दूर करहिया इन दिनों अवैध खनन का हब बन चुका है ,गांव के समीप से गुजरी कनहर नदी से ट्रेक्टरों के माध्यम से अवैध खनन कर गांव के प्राथमिक विद्यालय मध्य व अन्य स्थानों के समीप भंडारण कर टीपरो के माध्यम से चोरी का बालू बेख़ौफ़ परिवहन किया जा रहा है और उसे घिचोरवा वन चौकी से होते हुए कोन ,कचनरवा ले जाकर ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है।खननकर्ता ग्राम पंचायत कुड़वा टोला तुमिया के रहने वाले बताये जा रहे है।जो 4 टीपरो के माध्यम से 5 से 6 चक्कर प्रतिदिन परिवहन करते है।खननकर्ताओं ने गांव के एक बिरादरी के लोंगो को दारू मुर्गा पिलाकर कार्यों को अंजाम दे रहें है।ग्रामीणों ने बताया कि खननकर्ता पिछले दिनों ट्रेक्टर से धक्का मारकर स्कूल की दीवार भी गिरा दिए जो अभी तक ऐसे ही खंडहर के रूप में पड़ा हुआ है।विद्यालय परिसर के बाहर दो स्थानों पर रेत का भंडारण करके रात्रि में बालू को टीपरो में लादकर कचनरवा व कोन भेजा जाता है।क्षेत्र के ग्रामीणदेवशाह ,बचनु ,जगदीश ,परमेश्वर ने बताया कि इधर सुनसान इलाका है ,अधिकारी आते नही है इस लिए अवैध काम जोरों पर है।और खननकर्ता कहते फिरते है कि सबकुछ मैनेज है,इधर कोई नहीं आएगा कह कर गांव में दबंगई भी करते है।
बता दे करहिया का सुदूर अंचल बानर खोचवा,बोधाडीह में इन दिनों खननकर्ताओं के लिए सेफ ज़ोन बन गया है| खननकर्ता इशारा कर गांव के ट्रैक्टर चालकों से नदी से बालू चिन्हित स्थानों पर डंप कराते है और रात्रि में मौका देख उसे घिचोरवा वन चौकी के रास्ते कोन ,कचनरवा को ले जाते है।ग्रामीणो ने कहा कि वन विभाग के कर्मियों को सब पता होने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं करते।ग्रामीणों ने डीएम का ध्यान आकृष्ट कर खननकर्ताओं को चिन्हित कर कार्रवाई की मांग किया है।

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