समर जायसवाल-
मामला करमडाड ग्राम पंचायत में लौवा नदी पर बने चैकडेम के पास नदी में अवैध कब्जे का
दो बार जिलाधिकारी को पत्र भेज कर ग्रामीणों ने की शिकायत के बाद भी नहीं हुई ठोस कार्रवाई
दुद्धी/ सोनभद्र| तहसील क्षेत्र के अंतर्गत करमडाड ग्राम पंचायत में ग्रामीणों को सिंचाई के उद्देश्य से सन 2005 में लौवा नदी पर बनाये गए चैकडेम अवैध कब्जे का भेंट चढ़ गया है ,गांव के दबंग किसानों ने चैकडेम में धान की क्यारी बनाकर रोपाई कर दी है ,जिससे ग्रामीणों में रोष व्यापत है।ग्रामीणों ने 17 जून को जिलाधिकारी को पत्र भेजकर मामले को अवगत कराया था फिर भी को प्रभावी कार्रवाई ना होने से मनबढ़ किसानों का हौसला बुलंद है।
ग्रामीण सुरेंद्र ,रामाशंकर ,हीरा सिंह ,रामप्रसाद आदि ने बताया कि जब 2005 में लौवा नदी पर चैकडेम का निर्माण हुआ तब से हम ग्रामीण चैकडेम से सिंचाई और जानवरों को पानी पिलाने में प्रयोग में लाते है।लेकिन इंद्रमणि पुत्र मख्खन ,जगदीश,रविन्द्र पुत्रगण इंद्रमणि जो कि करमडाड के रहने वाले है जिन्होंने ट्रैक्टर से उक्त चैकडेम में मिट्टी पाटकर धान का क्यारी बना दिया है।ग्राम प्रधान व ग्रामवासी के समझाने पर उक्त लोग मां बहन की गाली देने पर आमादा रहते है औऱ मारपीट पर भी आमादा रहते है।ग्रामीणों ने पुनः जिलाधिकरी को पत्र भेजकर चैकडेम से पाटे गए मिट्टी हटवाने तथा अवैध कब्जे से मुक्त करवाकर उक्त दबंग व्यक्ति के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का मांग किये है।
सीमाचिन्ह भी उखाड़ फेंके।
दुद्धी| ग्रामीणों ने बताया कि कब्जेधारियों का मनोबल बढ़ा हुआ है उन्होंने नदी खाते के सीमांकन चिन्ह को उखाड़ फेंका है ,लेखपाल आते है और सब कुछ देख कर चले जाते है।कोई कार्रवाई ना होने से उक्त दबंगो ने चैकडेम के ऊपरी भाग में आधा नदी से ज्यादा पाट पर धान की क्यारी बना दिया है।