प्रयागराज-लवकुश शर्मा
प्रयागराज-आजादी के बाद गरीबी हटाने का मुख्य लक्ष्य हमारे देश में था। आजादी के पश्चात देश गरीबी, बेरोजगारी, भुखमरी और तमाम कठिनाइयों से जूझ रहा था इसलिए भारत में सड़कों एवं ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर कम ध्यान दिया गया।अच्छी सड़कें और सशक्त ऑटोमोबाइल क्षेत्र भारत के विकास को पंख लगा सकता है। यह बातें नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक दिवसीय वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए अॉटोमोबाईल क्षेत्र के प्रसिद्ध विशेषज्ञ अविक चट्टोपाध्याय ने कही। उन्होंने आगे बोलते हुए कहा कि आज विकसित देशों के पास अॉटोमोबाईल क्षेत्र में अपनी तकनीक है और अपना मॉडल है, भारत भी इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। जापानी कंपनियां चार बातों का विशेष ध्यान देती हैं, जिन पर भारतीय अॉटो क्षेत्र के लोगों को ध्यान देना चाहिए पहला ग्राहक केन्द्रित, दूसरा उत्पादन की गुणवत्ता, तीसरा मार्केटिंग और चौथा प्रोसेस। भारत में एक हजार व्यक्तियों पर 23 चार पहिया गाड़ियां बिकती हैं, एक हजार व्यक्तियों पर 326 स्कूटर या दोपहिया वाहन बिकते हैं, और एक हजार लोगों पर 1.3 बस उपलब्ध हैं। अविक चट्टोपाध्याय ने कहा कि भारत में ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अभी बहुत संभावनाएं हैं। भारत देश धीरे-धीरे अॉटोमोबाईल तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। वेबिनार में नेहरू ग्राम भारती के सचिव मनीष मिश्र ने अविक चट्टोपाध्याय द्वारा भारतीय अॉटोमोबाईल क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की चर्चा की तथा देश के विकास में गुणवत्ता युक्त सड़कों एवं अॉटो उद्योग की उपयोगिता पर अपने विचार रखे। अतिथियों के स्वागत सम्बोधन में कुलपति डॉ० एस०सी० तिवारी ने नेहरू ग्राम भारती मानित विश्वविद्यालय द्वारा अबतक सफलतापूर्वक संचालित 30 से अधिक वेबिनार को एक उपलब्धि बताया। संचालन डॉ० प्रबुद्ध मिश्रा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन रिकी शाह ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में अॉनलाइन प्रतिभागियों ने देश-विदेश से हिस्सा लिया।