सोनभद्र । खनन निदेशक, सचिव रौशन जैकब के निर्देश पर सोमवार को लखनऊ से गठित टीम संयुक्त खनन निदेशक जय प्रकाश के नेतृत्व नें तीन सदस्यीय टीम कोरगी बालू साइट पहुंची।
नदी में बाढ़ के कारण टीम ने कनहर नदी पुल के उपर से ही हुए खनन की जीपीएस से नाप जोख की। इसके बाद टीम रजखड़ गांव स्थित भंडारण स्थल को रवाना हुई। रजखड़ पहुंचकर डंप किये गए बालू का घंटों नाप जोख की। प्रत्येक ढ़ेर के जीपीएस रीडिंग ली गयी, जिससे भंडारण किये हुए रेत का आकलन हो सके।
संयुक्त खनन निदेशक जय प्रकाश ने बताया कि क्षेत्रीय विधायक ने विधानसभा में प्रश्न उठाया था कि दुद्धी में संचालित कोरगी बालू साइट पर रेत खनन में अनियमितताएं बरती जा रही हैं। उसी के क्रम में शासन ने खनन निदेशक रौशन जैकब के निर्देश में गठित तीन सदस्यीय टीम कोरगी बालू साइट जांच को आई है। लेकिन नदी में बाढ़ के कारण गढ्ढे भर गए हैं और नदी से माइनिंग बंद है जिससे जांच करना संभव नहीं है। जीपीएस रीडिंग ली गयी है उसी के आधार पर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। रजखड़ में डंप बालू के बाबत भी बताया कि यहां नाप जोख किया गया है जिसका आकलन मुख्यालय जाकर निकालेंगे, उसके बाद शासन को रिपोर्ट प्रेषित की जाएगी। इस मौके पर खान अधिकारी मिर्जापुर पंकज कुमार सिंह, खनन सर्वेयर प्रयागराज योगेश शुक्ला व सोनभद्र खनन सर्वेयर संतोष पाल मौजूद रहे।
उधर जिले के अंतिम छोर छत्तीसगढ़ सीमा पर दुद्धी तहसील का गांव मनरुटोला पांगन नदी के यूपी सीमा से छत्तीसगढ़ से खननकर्ताओं द्वारा बालू खनन किये जाने व एनजीटी के निर्देशों के धज्जियां उड़ाये जाने की एक शिकायत पर संयुक्त खनन निदेशक ने लखनऊ मुख्यालय जाकर इस पर डीएम सोनभद्र व छत्तीसगढ़ के बलरामपुर के डीएम को चिट्ठी जारी कर संयुक्त अफसरों की मैजूदगी में नदी में सीमांकन कराएं जाने के निर्देश जारी किए जाएंगे। कहा कि अभी नदी में पोकलेन चलाना व रेत का खनन करना तो एनजीटी के निर्देशों का उलंघन है, इस पर रिपोर्ट तलब किया जाएगा। इस पर उन्होंने खनन सर्वेयर संतोष पाल से पूछताछ की जिस पर खनन सर्वेयर ने कहा कि उन्होंने मौका जांच किया था। लेखपाल कुंदन ने कहा था कि यूपी से खनन नहीं हो रहा है, इसलिए वे कोई कार्रवाई नहीं कर पाए।