सोनभद्र। कोरोना महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने तीन माह तक लॉक डाउन किया था। इस दौरान किसी भी तरह की वसूली पर रोक लगाते हुए ऋणदाताओं को राहत दिया था। वर्तमान समय मे अनलॉक एक और दो के शुरू होने पर जिले में कार्यरत माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों द्वारा ग्रामीण इलाकों में समूहों को दिए गए ऋण की वसूली कर दिया है।
इन कम्पनियों के कर्मचारियों द्वारा की जा रही वसूली के दौरान महिला समूहों के लोगो को डराया – धमकाया जा रहा है। इसकी शिकायत चोपन विकास खंड के डाला कोटा निवासी मंटू शर्मा ने जन सुनवाई पोर्टल के माध्यम से मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर किया था। जिस पर जांच के लिए जिलाधिकारी ने कोषाधिकारी को जांच के लिए लिखा था। जिस पर कोषाधिकारी ने इस शिकायत को एसडीएम के माध्यम से जांच कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। कोषाधिकारी ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है कि चोपन विकास खण्ड के डाला निवासी मंटू शर्मा ने शिकायत किया है कि डाला कोटा सहित अन्य क्षेत्रों में माइक्रोफाइनेंस कंपनियों द्वारा लोगों को का समूह बनाकर 25000 से 50000 रुपये तक का लोन महिलाओं को समूह के नाम पर दिया गया है। जिसकी वसूली के लिए माइक्रो फाइनेंस कम्पनियों के लोग अब लोन धारकों के ऊपर दबाव बनाने के साथ ही प्रताड़ित कर जोर जबरदस्ती किया जा रहा है। पत्र के माध्यम से शिकायत कर कार्यवाही की मांग की गयी है। चोपन विकास खंड के डाला कोटा निवासी मंटू शर्मा ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर शिकायत कर अवगत कराया कि कोटा क्षेत्र के अंतर्गत गरीब तबके को व्यवसाय हेतु घर की महिलाओं का समूह बनाकर 25000 से ₹50000 तक का लोन महिलाओं को समूह के नाम से कई माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा दिया गया है। शिकायतकर्ता ने बताया कि आशीर्वाद माइक्रो फाइनेंस कंपनी ओबरा , स्माल स्माल माइक्रो फाइनेंस कंपनी, स्वतंत्र माइक्रो फाइनेंस कंपनी द्वारा लोन दिया गया है। कोरोना महामारी में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा पूरे भारत में लाक डाउन कर दिया गया है, जिससे रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई और व्यवस्था ठप हो गया। किसी तरह लोग अपना व अपने परिवार के भरण-पोषण तक कि व्यवस्था करने में असमर्थ हो गए। जिसमें अपना जीवन यापन कर रहे हैं फाइनेंस कंपनियों से ऋण लेने वाले ज्यादातर लोग ठेले खोमचे फुटपाथ आज पर छोटे व्यवसाई हैं। इस स्थिति में माइक्रो फाइनेंस बैंक कंपनियों द्वारा मानसिक प्रताड़ना हैरान व परेशान करके जोर-जबर्दस्ती दबाव बनाकर अपने दिए गए ऋण कि किस्तो की अदायगी करने के संबंध में शिकायत की गई है। उक्त प्रकरण उप जिलाधिकारी राबर्ट्सगंज से संबंधित है। यह पत्र कार्यालय से संबंधित नही है जबकि शिकायतकर्ता ने पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।