औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई-आईडब्ल्यू) – मई, 2020

दिल्ली।मई, 2020 में अखिल भारतीय सीपीआई-आईडब्ल्यू 1 अंक बढ़कर 330 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया। एक माह के दौरान प्रतिशत में हुए परिवर्तन की दृष्टि से अप्रैल और मई, 2020 के बीच इसमें (+)0.30 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में में इसमें (+)0.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

मौजूदा सूचकांक में अधिकतम वृद्धि, खाद्य समूह के कारण हुई है जिसने कुल परिवर्तन में (+)0.67 प्रतिशत का योगदान दिया है। वस्‍तु (आइटम) के स्तर पर, अरहर की दाल, मसूर की दाल, मूंग की दाल, उड़द की दाल, मूंगफली का तेल, सरसों का तेल, ताजा मछली, बकरे का मांस, पोल्ट्री (चिकन), दूध, बैंगन, गोभी, फ्रेंच बीन, हरा धनिया पत्तियां, आलू, देशी शराब, परिष्कृत शराब, रसोई गैस, पेट्रोल, इत्‍यादि सूचकांक में वृद्धि के लिए जिम्मेदार हैं। हालांकि, इस वृद्धि पर चावल, गेहूं, लहसुन, प्याज, करेला, नारियल, लौकी, भिंडी, आम, परवल, टमाटर, तोरई, केला, मिट्टी का तेल इत्‍यादि ने विराम लगाया है जिससे सूचकांक में गिरावट का रुख बना।

केंद्र स्तर पर, वारंगल, छिंदवाड़ा और अहमदाबाद के सूचकांक में 6 अंकों की क्रमशः अधिकतम वृद्धि दर्ज की गई। अन्य में, 6 केंद्रों में 4 अंक, 11 केंद्रों में 3 अंक, 9 केंद्रों में 2 अंक और 8 केंद्रों में 1 अंक की वृद्धि देखी गई। इसके विपरीत, दूम-दूमा तिनसुकिया में 10 अंकों की कमी, इसके बाद सलेम में (9 अंक), मुंगेर-जमालपुर (8 अंक) और लखनऊ (7 अंक) की अधिकतम कमी दर्ज की गई। अन्य में 1 केंद्र में 5 अंक, 1 केंद्र में 4 अंक, 6 केंद्रों में 3 अंक, 9 केंद्रों में 2 अंक और अन्य 9 केंद्रों में 1 अंक की कमी देखी गई। बाकी 11 केंद्रों के सूचकांक स्थिर रहे।

33 केंद्रों के सूचकांक अखिल भारतीय सूचकांक से ऊपर हैं जबकि 45 केन्द्रों के सूचकांक राष्ट्रीय औसत से कम हैं।

सभी मदों या वस्‍तुओं पर आधारित वर्ष-दर-वर्ष महंगाई मई, 2020 में 5.10 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह 5.45 प्रतिशत और पिछले वर्ष के इसी महीने में 8.65 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, खाद्य महंगाई पिछले महीने के 6.56 प्रतिशत और एक वर्ष पूर्व इसी महीने के 5.21 प्रतिशत के मुकाबले मई, 2020 में 5.88 प्रतिशत आंकी गई।

श्रम एव रोजगार मंत्रालय से जुड़ा हुआ श्रम ब्यूरो, देश के औद्योगिक रूप से महत्वपूर्ण 78 केन्द्रों में से 289 बाजारों से एकत्रित किए गए चयनित वस्तुओं की खुदरा कीमतों के आधार पर प्रत्येक माह औद्योगिक कामगारों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक का संकलन करता है। इस सूचकांक, 78 केंद्रों और पूरे देश के लिए संकलित किया जाता है और इसे अगले महीने के अंतिम कार्य दिवस पर जारी किया जाता है।

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