चोपन /सोनभद्र (अरविन्द दुबे) कोरोना वायरस के खौफ से बेखबर दर्जनों की संख्या में ऑटो संचालक चोपन से पश्चिमांचल के दर्जनों गांवों में प्रति दिन सीमा से अधिक सवारियां भरकर बेखौफ फर्राटे भर रहे हैं और अधिक से अधिक धन कमाने के चक्कर में यह लोग प्रतिदिन अपने साथ-साथ सवारियों का भी जान जोखिम में डालने से गुरेज नहीं कर रहे हैं इसके पीछे इलाकाई पुलिस के साथ-साथ आरटीओ विभाग की निष्क्रियता भी मुख्य वजह मानी जा रही है। जानकारी के मुताबिक दर्जनों की संख्या में ऑटो संचालक चोपन से पश्चिमांचल के गांवों में सवारी ढोने का काम करते हैं जो कि पश्चिमांचल के जुगैल, नेवारी, भरहरी, कुरछा, घोंरिया, सेमियां, चतरवार, महलपुर, टापू, गोसारी सहित मध्य प्रदेश के सिमा से सटे अनेक गांव के भी लोग हाट बाजार दवा इलाज जैसी अपने निजी जरूरतों के वजह से इन्हीं ऑटो पर बैठ कर चोपन रावर्टसगंज सहित अन्य स्थानों पर आते जाते हैं सवारियों के मजबूरी का फायदा उठा कर ऑटो संचालक एक साथ दर्जनों यात्रियों को ऑटो में भूसे की तरह भर ले रहे हैं ऐसे समय में जब शासन प्रशासन के साथ ही विभिन्न सामाजिक संस्थाओं द्वारा कोरोना महामारी से बचने के लिए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग रखने की सलाह दी जा रही है ठीक उसी समय आपदा को भी अवसर में बदलने में माहिर आटो संचालक वाहनों में सीमा से अधिक सवारियां ठूंसकर कर अधिक से अधिक धन कमाने में लगे हैं ऐसे में सवाल यह उठता है की चोपन तथा जुगैल दो थानों की सीमा क्षेत्रों में धड़ल्ले से बेखौफ होकर फर्राटे भरने वाले इन यात्री वाहनों पर नकेल क्यों नहीं कसी जा पा रही है सूत्रों की माने तो अपने कमाई में से एक मोटा हिस्सा ऑटो संचालकों द्वारा नजराना के रूप में सक्रिय दलालों के माध्यम से इन्हें भी समय-समय पर पहुंचा दिया जाता है जिससे यह अपनी मनमानी निरंतर जारी रखे हुए हैं।गौरतलब है कि जहां एक तरफ कोरोना पाजटिव मरिजो की संख्या में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है ऐसे में शोसल डिस्टेंस को मेंटेन रखना बहुत जरूरी है परंतु वहीं दूसरी तरफ मनमाने आटो संचालक सभी नियम कानून को ताक पर रखकर अपने सहीत समाज का भी जान जोखिम में डालकर धन कमाने मे मशगूल हैं लोगों ने पुलिस प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है ताकि लोग बाग सुरक्षित रह सकें। साथ ही मुख्य बिंदु यह भी है कि कोरोना के नाम पर किराए में इजाफा के बाद भी इनके अपने नियम यथावत है और इन्हें न वर्दी का कोई खौफ है ना ही किसी अन्य कार्यवाई का जो खाकी को कटघरे में खड़ा करने से कम नही