पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्धि वापस ले सरकार – आइपीएफ

समर जायसवाल-

राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद दिवस में प्रधानमंत्री से की मांग

सोनभद्र।पिछले दस दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगभग नौ रूपए की वृद्धि के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत
आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, वर्कर्स फ्रंट, मजदूर किसान मंच, ठेका मजदूर यूनियन व पटरी दुकानदार एसोसिएशन ने सोनभद्र जनपद में विभिन्न
कार्यक्रम करते हुए केंद्र सरकार से मांग की कि वह तत्काल प्रभाव से इसे वापस ले और पेट्रोलियम पदार्थों पर लगी एक्ससाइज ड्यूटी
समाप्त करे। प्रतिवाद कार्यक्रम के तहत ईमेल, ट्वीटर आदि से पत्रक भेजे गए। घोरावल में आइपीएफ नेता कांता कोल, रेनुकूट में ठेका
मजदूर यूनियन अध्यक्ष कृपाशंकर पनिका, म्योरपुर में मजदूर किसान मंच नेता मंगरू प्रसाद श्याम, बभनी में दलबीर खरवार व देव
कुमार विश्वकर्मा, दुद्धी में प्रधान चंद्रदेव गोंड़, राबर्ट्सगंज में युवा मंच नेता जितेन्द्र लकड़ा व जितेन्द्र गुप्ता, अनपरा में ठेका मजदूर
यूनियन के मंत्री तेजधारी गुप्ता,अशोक भारती, ओबरा में पटरी दुकानदार एसोसिएशन के राजू गुप्ता, शिवधाकर गुप्ता, ठेका मजदूर
यूनियन के उपाध्यक्ष तीरथराज यादव आदि ने कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
पत्रक में कहा गया कि देश कोरोना महामारी के दौर से गुजर रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार कोरोना प्रभावित लोगों की
संख्या चार लाख के ऊपर पहुंच चुकी है। इस महामारी ने हजारों लोगों की जान ले ली है। देश में बड़ी संख्या में लोग रोजगार से वंचित
हुए, छोटे-मझोले उद्योग और खेती किसानी जबर्दस्त संकट के दौर से गुजर रहे है। देश में रोज आत्महत्याओं की खबरें आ रही है। देश
की जनता जब इन संकटकालीन परिस्थितियों से गुजर रही हो तो ऐसे समय सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल की कीमतों में की गयी यह
मूल्य वृद्धि उसके जीवन को और संकट में डाल देगी। इससे महंगाई और बढ़ेगी व आम आदमी को अपनी आजीविका चलाना मुश्किल हो
जायेगा। आश्चर्य इस बात का है कि जब इस समय पूरी दुनिया में कच्चे पेट्रोलियम पदार्थो के दामों में कमी हो रही हो तब देश में
इसकी कीमतों में वृद्धि करने के पीछे सरकार का तर्क क्या है। साफ है कि जनता की जिदंगी की कीमत पर इस मूल्य वृद्धि से सिर्फ और
सिर्फ चंद कारपोरेट घरानों और सरकार को ही बेइंतहा फायदा होगा। ऐसी संकटकालीन परिस्थिति में जनता को राहत देने के लिए तत्काल
प्रभाव से पेट्रोल और डीजल के दामों में की गयी वृद्धि को वापस लेने और पेट्रोलियम पदार्थों पर लगी एक्ससाइज ड्यूटी समाप्त करने की
प्रतिवाद कार्यक्रम द्वारा मांग की गयी।

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