—अनिल बेदाग—
मुंबई : जहां कोविड-19 महामारी से लड़ाई में लागू किये गये लॉकडाउन में ढील दी जाने लगी है, वहीं मानसून देश में दस्तक देने के लिए तैयार है। यूं तो सामान्य तौर पर इससे राहत मिलेगी, लेकिन इससे घरों के लीकेज की समस्या अधिक बढ़ जायेगी और इमारतों को नुकसान पहुंचेगा। इसका व्यापक प्रभाव उन घरों व इमारतों में रहने वाले लोगों पर पड़ेगा, जिनके लिए इस वर्ष बारिश आने से पहले वाटरप्रूफिंग किया जाना बेहद जरूरी है। अनुमानत:, 6-8 प्रतिशत ऐसी इमारतें व भवन हैं जिनका बारिश से पहले मरम्मत कराया जाना अत्यावश्यक है। बिल्डिंग्स की संपूर्ण संरचना सुनिश्चित करने में वाटरप्रूफिंग कंट्रैक्टर्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है और वो मानसून से पहले कराये जाने वाले घरों के मरम्मत कार्यों से होने वाली कमाई पर काफी हद तक निर्भर होते हैं।
हालांकि, इस वर्ष लोग अपनी सुरक्षा को लेकर काफी सतर्क हो गये हैं और संभव है कि वो अपने घरों में काम के लिए आने वाले वर्कर्स को लेकर अत्यधिक सावधानी बरतें। ऐसे में, लोगों की इस चिंता को दूर करना आवश्यक हो जाता है, क्योंकि इसके चलते घरों की मरम्मत व उनकी वाटरप्रूफिंग के कामों में कमी आ सकती है जिसका असर वाटरप्रूफिंग कम्यूेनिटी की कमाई पर पड़ेगा।