जरहा-शौचालय निर्माण की जांच में ग्रामीणों ने लगाये लीपापोती के आरोप

म्योरपुर वि.खं.के जरहा ग्राम पंचायत में बगैर निर्माण दिखाये गये 314 शौचालय

जिलाधिकारी द्वारा एफ.आई.आर दर्ज कराने के आदेश पर चल रही जांच

राम जियावन गुप्ता/पंकज सिंह

म्योरपुर वि.खं क्षेत्र के जरा ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने शौचालय निर्माण घोटाले की जांच कर रही टीम की विश्वसनीयता पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं ग्रामीणों द्वारा आरोप लगाया गया है कि जांच अधिकारी पंचायत भवन पर बैठ सिर्फ कागजों पर ही जांच कर रहे हैं पूर्व सचिव के हितैषियों को बुला उनसे शौचालय निर्माण की पुष्टि की जा रही है जबकि मौके पर जांच की जाए तो हकीकत सामने होगी।

उक्त ग्राम पंचायत में कुल ग्यारह सौ शौचालयों के निर्माण का धन ग्राम पंचायत को आवंटित था ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व सचिव ने 2014-15 में लोहिया आवास के लाभार्थियों के नाम भी सूची में लिख रखा है जबकि उन लाभार्थियों ने आवास वाली रकम एवं स्वयं के खर्चे पर शौचालय बनवाया है ग्रामीण जलालुद्दीन का कहना था कि उनसे 2014-15 में शौचालय का निर्माण स्वयं के खर्चे से किया गया था प्रधान द्वारा इस मद की राशि देने का वादा किया था जो अब तक नहीं दिया गया

जब जांच शुरू हुई तो 4 जून को उसे दस हजार रुपये दिए गए हैं , जांच अधिकारी ने जब श्रीमति पत्नी सोबरन का शौचालय जांच करने भेजा तो वह शौचालय करीब 11 वर्ष काफी पुराना निकाला जिसे पूर्व प्रधान श्याम सुन्दर ने 10 वर्ष पहले बनवाया था तथा रामलखन पुत्र बिरजन की बहू अनुराधा ने मीडिया कर्मियों को बताया कि 5 माह पहले शौचालय रातों रात बना कर छोड़ दिया गया है गड्डा अपने आप भट जा रहा है हम लोग आज भी शौच करने जा रहे है मीना देवी पत्नी ब्रह्माधर,पनउ पुत्र राम प्रसाद, वसीम खान पुत्र अनवर,जुलेखा पत्नी अनवर को सिर्फ दरवाजा व कमबोर्ड ही पंचायत ने उपलब्ध कराया था बावजूद इसके सूची में नाम है पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य मुन्ना ने बताया कि पूर्व सचिव द्वारा जांच शुरू होते ही युद्ध स्तर पर शौचालयों का निर्माण कराया गया है रातों रात शौचालय बना दिए जा रहे हैं वहीं कोचिला टोले के राजा राम का आरोप था कि 12-13 घरों की इस बस्ती में शौचालय तो बने हैं गड्ढे सर्फ एक से दो फिट ही खोदे गए है प्रत्येक शौचालयों का निर्माण कराया गया है गड्डा न होने के कारण ग्रामीण आज भी खुले में शौच के लिए विवश हैं जांच अधिकारी द्वारा सूची के सत्यापन के दौरान अजीबोगरीब स्थिति तब बनी जब पिता पुत्र के नाम दो शौचालय दिखाए गए थे ग्रामीणों ने मात्र एक ही शौचालय मौजूद होने की बात बताई राम लखन पुत्र विरजन व मंथाराम पुत्र विरजन दोनों के नाम शौचालय निर्माण कराए जाने को लेकर काफी माथापच्ची भी चली ग्रामीणों ने कहा कि जांच अधिकारी विकास विभाग से हैं जो पूर्व सचिव के बचाव में जुटे हुए हैं मौके पर जांच की जाती तो मामला स्वतः स्पष्ट हो जाता ग्रामीणों ने जिला अधिकारी का ध्यान शौचालय घोटाले की ओर आकृष्ट कराते हुए गैर विभागीय जांच कराए जाने की मांग की है इस संबंध में विकास सहायक विकास अधिकारी पंचायत म्योरपुर राम उदय यादव का कहना था है कि अभी जांच चल रही है स्पष्ट रूप से कुछ भी नहीं कहा जा सकता जांच के दौरान खण्ड विकास अधिकारी म्योरपुर प्रदीप पाण्डेय, एचएन सिंह ,राम नारायण सिंह,ग्राम प्रधान श्री राम बियार, पूर्व सचिव शैलेंद्र सिंह,वर्तमान सचिव समर बहादुर सिंह सहित विभागीय लोग मौजूद रहे।

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