बेख़ौफ़ खननकर्ताओं ने लौवा नदी में खोद दिए जगह जगह तालाब।

समर जायसवाल –

लाखों रुपये सरकारी बजट खर्चने के बाद भी सरकार नही बनवा पाती।

रजखड़ के ताड़ घटिया ,चट्टानी पर हेठे टोला में नदी खोदकर निकाला जा रहा प्रतिदिन दर्जनों ट्रैक्टर बालू ,ऊंचे दाम पर हो रही आपूर्ति।

दुद्धी।तहसील व कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत रजखड़,दुमहान गांव में लौवा नदी में खननकर्ताओं ने जगह जगह तालाब का निर्माण कर दिया है ,स्थानीय लोगों की माने तो ऐसा तालाब तो मनरेगा का लाखों रुपये सरकारी बजट खर्च के बाद भी सरकार नही बनवा पाती है ,हाँ बात कर रहे है दुद्धी तहसील क्षेत्र से महज 4-5 किमी दूरी लौवा नदी में हो रहे खनन का ,यहाँ लौवा नदी में जगह जगह बालू उठाते वक्त तालाब का रूप खननकर्ताओं ने दे दिया गया है।रजखड़ का ताड़ घटिया , हेठे टोला खननकर्ताओं के लिए सेफ जोन बन गया है।
खनन करने वाले मजदूर का भी जीविका ट्रैक्टर संचालकों के सहारे ही चलता है दो सौ रुपये में मजदूरी में काम करने को विवश मजदूर दिन रात बालू निकालने का काम करते है।इन मजदूरों को ना तो कोरोना का चिंता है और ना ही इसके फ़ैलने की ,दो रोटी कमाने की आस लगाए 2 सौ रुपये की दिन भर की मजदूरी में दिन भर कथित खननकर्ताओं की तिजोरी भर रहें है।इस बालू को गांव क्षेत्र में दो हजार से पांच हजार रुपये में ग्रामीणों को बेची जाती है ।ग्रामीणों का कहना है कि पता नही इस तरह का अवैध खनन का स्वीकृति कहाँ से मिलता है यह बात ग्रामीणों के गले नही उतरती है।दिन रात होने वाले अवैध खनन का परिवहन भी दिन रात होता रहता है। इस मामले में न तो वन विभाग कार्यवाही करती है न ही राजस्व विभाग न ही पुलिस प्रशासन कुल मिलाकर यह कहा जाए कि जिला प्रशासन ही कोई कार्यवाही नही चाहती है।इस मामले में हल्का लेखपाल रामप्रकाश चौहान का कहना है कि लौवा नदी में जगह जगह रात्रि में अवैध खनन होने की रिपोर्ट पूर्व में ही उपजिलाधिकारी महोदय को दी गयी है।गांव के कुछ लोगों ने सर्वे के दौरान ही नदी के नंबर को ही अपने नाम करा लिया है।

अलर्ट मोड़ में रहते है खननकर्ता

दुद्धी। कोतवाली क्षेत्र के रजखड़ गांव में लौवा नदी में हो रहे खनन का खननकर्ता हमेशा अलर्ट मोड़ में रहते है। खनन स्थल से ऑर्डर साइट के बीच तीन से चार स्थानों पर दूर- दूर चट्टी चौराहे पर बैठ करके ,प्रशासनिक अमला का निगरानी करते है जब कोई प्रशासनिक अमला किसी रास्ते से खनन स्थल की ओर बढ़ते है तो इसकी सूचना खनन स्थल पर फोन के जरिये दे देते है ताकि मजदूर कहीं छिप जाए और ट्रैक्टर ट्राली को कही छुपा लिया जाए।

कैप्शन: रजखड़ के ताड घटिया लौवा नदी में खोदकर बनाया गया तालाब व बालू लोड ट्रैक्टर।

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