संजय द्विवेदी
लखनऊ ।उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना अवनीश कुमार अवस्थी ने आज यहां लोक भवन में प्रेस प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने चिकित्सा शिक्षा मंत्री तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री को अस्पतालों व मेडिकल काॅलेजों का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने, जनता से सीधा फीडबैकप्राप्त करते हुए कार्यों की हकीकत को मौके पर परखने के लिए औचक निरीक्षण किए जाएं। मुख्यमंत्री जी ने आज यहां डाॅ0 राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान का आकस्मिक निरीक्षण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने आमजन से संवाद स्थापित करते हुए अस्पताल की सेवाओं की जानकारी प्राप्त की तथा चिकित्सकों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के कार्य को राज्य सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण से निपटने के लिए और गति प्रदान की है। विभिन्न श्रेणी के कोविड अस्पतालों की स्थापना, वहां डाॅक्टरों सहित हर स्तर के प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों की उपलब्धता, दवा एवं संक्रमण से बचाव वाले उपकरणों की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य रोगियों के लिए टेलीमेडिसिन के द्वारा चिकित्सीय परामर्श तथा इमरजेंसी सेवाआंे का संचालन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने इन समस्त व्यवस्थाओं को सुदृढ़ बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों तथा प्रशासन को टीम भावना के साथ समन्वित रूप से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि नियमित संवाद व सम्पर्क के माध्यम से प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि लाॅकडाउन को सफल बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों/पुलिस अधीक्षकों से नियमित संवाद कायम रखे। उन्होंने ग्रामीण तथा शहरी इलाकों में सेनिटाइजेशन कार्य को सतत् जारी रखने के निर्देश भी दिए हैं।मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि केन्द्र के सहयोग से प्रदेश सरकार विभिन्न राज्यों से कामगारों/श्रमिकों की सुरक्षित व सम्मानजनक प्रदेश वापसी सुनिश्चित कर रही है। प्रदेश आने वाले समस्त कामगारों/श्रमिकों की स्क्रीनिंग करते हुए इन्हें क्वारंटीन सेन्टर अथवा होम क्वारंटीन के लिए घर भेजा जाए। क्वारंटीन सेन्टर तथा शेल्टर होम में स्वच्छता और सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कामगारों/श्रमिकों सहित सभी जरूरतमंदों को कम्युनिटी किचन के द्वारा शुद्ध एवं भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाए। क्वारंटीन सेन्टर में कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग करते हुए उनका मोबाइल नम्बर एवं बैंक खाता संख्या सहित सम्पूर्ण विवरण संकलित किया जाए, जिससे इन्हें रोजगार प्रदान करने में सुविधा होगी। कामगारों/श्रमिकों की स्किलिंग कराकर औद्योगिक संगठनों से मुलाकात कराया जाय। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन से प्रत्येक कामगार/श्रमिक से बात किया जाय।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले कामगारों/श्रमिकों को खाद्यान्न किट उपलब्ध कराई जाए तथा होम क्वारंटीन के दौरान इन्हें एक हजार रुपए का भरण-पोषण भत्ता अवश्य उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी कामगार/श्रमिक का बैंक खाता किन्हीं कारणों से निष्क्रिय हो गया हो तो प्रशासन सम्बन्धित बैंक शाखा से सम्पर्क करते हुए ऐसे बैंक खातों को अविलम्ब सक्रिय कराएं, ताकि ऐसे कामगारों/श्रमिकों को भरण-पोषण भत्ते की धनराशि मिल सके। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि होम क्वारंटीन व्यवस्था की सफलता के लिए निगरानी समितियों को सक्रिय रखा जाए तथा इनके द्वारा किए जा रहे सर्विलांस कार्य का फीडबैक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त किया जाए। उन्होंने निगरानी समितियों को सक्षम बनाने पर बल देते हुए कहा कि यह समितियां घरेलू तथा राजस्व सम्बन्धी विवादों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। श्री अवस्थी ने बताया कि अब तक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन द्वारा 44 हजार ग्राम प्रधानों से संवाद किया गया।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि 01 जून, 2020 से प्रारम्भ हो रहे खाद्यान्न वितरण अभियान के अगले चरण की सभी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं। उन्होंने कहा है कि विभिन्न राज्यों से प्रदेश वापस लौटे कामगारों/श्रमिकों को नियमित खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य करते हुए इनके राशन कार्ड बनाए जाएं। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी जरूरतमंद परिवारों को अनिवार्य रूप से खाद्यान्न उपलब्ध हो। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में खाद्यान्न की पोर्टबिलिटी को मजबूती से लागू किया जाय। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए हैं कि एल-1, एल-2 तथा एल-3 कोविड चिकित्सालयों में बेड की संख्या को इस माह के अन्त तक बढ़ाकर एक लाख बेड कर लिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी नवनिर्मित अस्पताल में बेड की संख्या 100 से कम न हों। पुलिस, पी0ए0सी0, फायर सर्विस तथा रेलवे पुलिस के कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी सुरक्षात्मक उपाय किए जाएं। चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से बचाने के उद्देश्य से उनका प्रशिक्षण कार्य निरन्तर संचालित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों को अपने-अपने जनपद के सभी कोविड चिकित्सालयों, चिकित्सा सेवाओं का आकस्मिक निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं, इसके साथ ही लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की आकस्मिक चिकित्सा सेवाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिये हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्रदेश के किसानों को उपज का उचित व लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गेहूं खरीद की व्यवस्था की गई है। मूल्य समर्थन योजना के तहत गेहूं क्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने गेहूं खरीद कार्य को तेजी से सम्पन्न करने के निर्देश देते हुए कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ दिया जाए। उन्होंने निराश्रित गौ-वंश के लिए स्थापित गौ-आश्रय स्थलों के लिए भूसा बैंक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने तथा पशुओं की ईयर टैगिंग कार्य को तेजी से पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि टिड्डी दल के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए बचाव के सभी प्रबन्ध किए जाएं तथा लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक भी किया जाए।
श्री अवस्थी ने बताया कि अन्य प्रदेशों से आए कामगारों/श्रमिकों की स्किल मैपिंग कराया जा रहा है। इनमें आॅटो मैकेनिक/आॅटोमाइबाइल इण्डस्ट्री/कार, मोटर साइकिल रिपेयर, कारपेन्टर/फर्नीचर एण्ड फिटिंग, रियल एस्टेट, ड्राइवर, इलेक्ट्रिशियन/इलेक्ट्राॅनिक्स, गारमेन्ट टेलरिंग, हैण्डीक्राफ्ट्स एण्ड कार्पेट्स, हाउसकीपिंग/लाॅन्ड्री सर्विसेस, नर्स/लैब टेक्निशियन/पैरामेडिकल स्टाफ/फार्मा इण्डस्ट्री, पेन्टर, प्लम्बर, टीचर/म्यूजिक टीचर/योग तथा फिटनेस टेªनर, डाटा इन्ट्री आॅपरेटर/ आई0टी0 सेक्टर/टेलीकाॅम, सिक्योरिटी गार्ड सहित अन्य क्षेत्रों के कुशल कामगारों/श्रमिकों ने अपना पंजीकरण कराया है।
श्री अवस्थी ने बताया कि देश में सबसे अधिक कामगार उत्तर प्रदेश में आये हैं। प्रदेश में अब तक 1511 ट्रेन के माध्यम से लगभग 21.03 लाख से अधिक कामगार एवं श्रमिक को लाये जाने की व्यवस्था की गई है, इनमें से अब तक 1337 ट्रेन से लगभग 18 लाख लोगों को प्रदेश में लाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अगले 24 घंटे में 104 ट्रेन और प्रदेश में आ जायेगी। इसके साथ ही 176 ट्रेन को और सहमति प्रदान की गई है। सभी जनपदों के जिलाधिकारी द्वारा सम्बंधित जनपदों में टेन से आ रहे कामगारों/श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराकर उनको उनके घर तक पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में अब तक 219 ट्रेन से 2,77,849 कामगार एवं श्रमिक आये हैं। लखनऊ में 89 ट्रेन के माध्यम से 1,14,081 लोग आए हैं। वाराणसी में 89, आगरा में 10, कानपुर में 17, जौनपुर में 99, बरेली में 12, बलिया में 64, प्रयागराज में 58, रायबरेली में 20, प्रतापगढ़ में 65, अमेठी में 14, मऊ में 44, अयोध्या में 35, गोण्डा में 63, उन्नाव में 27, बस्ती में 67 टेन जबकि आजमगढ़ में 33, कन्नौज में 03, गाजीपुर में 31, बांदा में 16, सुल्तानपुर में 23, बाराबंकी में 12, सोनभद्र में 03, अम्बेडकरनगर में 21, हरदोई में 18, सीतापुर में 10, फतेहपुर में 08, फर्रूखाबाद में 02, कासगंज में 09, चंदौली में 13, इटावा मेें 01, मानिकपुर (चित्रकूट) में 01, एटा में 01, जालौन में 02, रामपुर में 01, शाहजहांपुर में 01, अलीगढ़ में 06, भदोही में 01, मिर्जापुर में 09, देवरिया में 88, सहारनपुर में 04, चित्रकूट में 02, बलरामपुर में 19, मुजफ्फरनगर में 01, झांसी में 05, पीलीभीत में 01 टेªन आ चुकी हैं। कौशांबी, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, संत कबीर नगर, कुशीनगर, हमीरपुर, बहराइच, लखीमपुर खीरी में भी ट्रेन आ रही हैं।
श्री अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में गुजरात से 474 ट्रेन से 6,87,082 लोग, महाराष्ट्र से 297 ट्रेन से 4,07,225 लोग, पंजाब से 216 ट्रेन से 2,49,413 कामगारों/श्रमिकों को लेकर प्रदेश में आ चुकी हैं। इसके साथ ही तेलंगाना से 23, कर्नाटक से 52, केरल से 11, आन्ध्र प्रदेश से 10, तमिलनाडु से 26, मध्य प्रदेश से 02, राजस्थान से 34, गोवा से 17, दिल्ली से 89, छत्तीसगढ़ से 01, पश्चिम बंगाल से 01, उड़ीसा से 01 ट्रेन, असम से 02 ट्रेन, त्रिपुरा से 01 टेन, हिमाचल प्रदेश से 01 टेªन तथा उत्तर प्रदेश से 77 ट्रेन के माध्यम से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में कामगारों/श्रमिकों को पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी, किसी भी जनपद में कोई पैदल यात्रा न करे। कामगार/श्रमिक स्वयं तथा अपने परिवार को जोखिम में डालकर पैदल अथवा अवैध व असुरक्षित वाहन से घर के लिए यात्रा न करें। सरकार समस्त श्रमिकों/कामगारों के लिए सुरक्षित यात्रा हेतु पर्याप्त निःशुल्क बस एवं ट्रेन की व्यवस्था कर रही है।
श्री अवस्थी ने बताया कि लाॅक डाउन के दौरान 26 मई तक प्रदेश के विभिन्न जनपदों में लगभग 21 लाख से अधिक लोग आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि जनपद सिद्धार्थनगर में 1,47,056, महाराजगंज में 1,03,786, बहराइच में 94,654, गोण्डा में 83,539, बस्ती में 72,795, बलरामपुर में 70,512, संत कबीरनगर में 68,997, सहारनपुर में 68,841, आजमगढ़ में 68,099, जौनपुर में 61,765 लोग आये हैं।श्री अवस्थी ने बताया कि कोरोना वायरस के दृष्टिगत प्रदेश में लाॅक डाउन अवधि में पुलिस विभाग द्वारा की गयी कार्यवाही में अब तक धारा 188 के तहत 58,436 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई। प्रदेश में अब तक 48,79,087 वाहनो की सघन चेकिंग में 46,668 वाहन सीज किये गये। चेकिंग अभियान के दौरान 22,21,42,851 रूपए का शमन शुल्क वसूल किया गया। आवश्यक सेवाओं हेतु कुल 2,66,817 वाहनों के परमिट जारी किये गये हैं। मास्क न पहनने पर 13 हजार से अधिक लोगों का चालान किया गया।
प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश के 75 जनपदों में 2790 कोरोना के मामले एक्टिव हैं। उन्होंने बताया कि अब तक 3855 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि कल कुल 676 पूल टेस्ट किये गये, जिसमें से 589 पूल 5-5 सैम्पल के तथा 87 पूल 10-10 सैम्पल के थे। उन्होंने बताया कि आरोग्य सेतु अलर्ट जनरेट होने पर लोगों को कन्ट्रोल रूम से काॅल किया जा रहा है। अब तक कुल 36,786 लोगों को फोन कर उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली गयी है। उन्होंने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा कामगारों/श्रमिकों के घर पर जाकर सम्पर्क कर उनके लक्षणों का परीक्षण कर रही हैं, जिसके आधार पर आवश्यकतानुसार कामगारों/श्रमिकों का सैम्पल इकट्ठा कर जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि आशा वर्कर्स द्वारा अब तक 9,60,933 कामगारों/श्रमिकों से उनके घर पर जाकर सम्पर्क किया गया, इनमें 945 लोगों में कोरोना के लक्षण पाये गये। उन्होंने बताया कि ग्राम एवं मोहल्ला निगरानी समितियों के द्वारा निगरानी का कार्य सक्रियता से किया जा रहा है। अब तक 93,578 निगरानी समिति के माध्यम से 73,61,323 घरों में रह रहे 3,69,89,490 लोगों से सम्पर्क किया गया है।