बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
एंड्रॉयड फोन न हो पाने के कारण 1881छात्र-छात्राएं पढ़ाई से वंचित।
बभनी। विश्व स्तर पर व्यापक रूप में फैली कोरोना महामारी को लेकर शासन के द्वारा घर बैठकर आनलाईन शिक्षा देने का निर्देश जारी किया गया है जिस बात को लेकर सभी अध्यापक निर्धारित समयानुसार बच्चों को पढ़ाने में लगे हुए हैं और उतनी ही उत्सुकता के साथ आनलाईन पढ़ाई करते हुए छात्र छात्राओं के हौसले बढ़ते नजर आ रहे हैं
जनपद का अंतिम छोर छत्तीसगढ़ सीमा से सटे बभनी ब्लाक जहां आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण यहां के अधिकतर छात्र-छात्राओं के पास एंड्रॉयड फोन न होने के कारण अपनी पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं और दूसरी बात यह कि इस क्षेत्र में अविभावकों के अंदर शिक्षा का अभाव होने के कारण वे अपने बच्चों को घर पर शिक्षा देने में असमर्थ हैं वे बच्चे जो प्रतिदिन क्लास कर अपने कक्षाओं में टापर रहा करते थे आज वही छात्र जो अपने परिवार की आर्थिक तंगी के कारण मोबाइल फोन खरीदने में असमर्थ हो जा रहे हैं लाकडाऊन खुलते ही जैसे विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ हो जाएगा उन छात्रों के भविष्य का क्या होगा।
राजकीय इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्या सविता जायसवाल ने बताया कि हमारे विद्यालय में कुल 494 विद्यार्थी पंजीकृत हैं जिनमें 70 को आनलाईन पढ़ाया जा रहा है। दक्षिणांचल ग्रामोदय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य एस के पांडेय ने बताया कि 526 पंजीकृत में से 155 बच्चे आनलाईन पढ़ रहे हैं वहीं जनता इंटर कॉलेज बभनी के प्रधानाचार्य अमरदेव पांडेय के अनुसार 250 की संख्या में 115 बच्चे पढ़ रहे हैं इंटर कॉलेज शिक्षण संस्थान देवनाटोला में प्रधानाध्यापिका चिंता यादव के अनुसार कुल 851 पंजीकृत में से 415 को पढ़ाया जा रहा है। आदित्य इंटर कॉलेज करमघट्टी के प्रधानाचार्य राजेंद्र शर्मा ने बताया कि हमारे विद्यालय में कुल 635 बच्चे पंजीकृत हैं जिनमें 120 आनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं।
पूरे विकास खंड के पांचों इंटर कॉलेजों में कुल 2756 छात्र छात्राएं हैं जिनमें 875 आनलाईन पढ़ाई कर रहे हैं और 1881 बच्चे संसाधन के अभाव में पढ़ाई से वंचित रह जा रहे हैं।