महंगाई भत्ता रोकेजाने से सरकार के प्रति असंतोष-विद्दुत विभाग जु.ई.विजय सिंह

विद्युत विभाग जूनियर इंजीनियर संग जिला अध्यक्ष विजय सिंह ने सरकार द्वारा महंगाई भत्ता रोके जाने पर जताया असंतोष।

चोपन/सोनभद्र(अरविन्द दुबे) देश मे कोरोना महामारी द्वारा आये संकट में लोक डाउन की वजह से जहा आम जनमानस का पूरा जीवन बदल गया है तो वही सरकार के के लिए भी इस चुनौती से निपटना एक लड़ाई है जिसके लिए सरकार ने विभिन्न विभागों के राज्य कर्मीयों को सरकार द्वारा मिलने वाला महंगाई भत्ते में कटौती कर दी है जिसके लिए जुलाई 2021तक एरियर के भुगतान पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया गया है तो वही जनपद सोनभद्र के चतरवार सब स्टेशन पर कार्यरत अवर अभियंता विजय सिंह ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट मे अपने प्राणो की परवाह किये बिना “कोरोना योद्धा” के रुप मे आपात एवं आवश्यक सेवा कार्य सम्पादन मे अपनी महती भुमिका अदा कर रहे सरकारी कार्मिकों एवं उनके परिवारो के जीविकोपार्जन का मूल आधार महंगाई भत्ता एवं अन्य भत्तो को रोके जाना न सिर्फ अन्यायोचित अपितु लोकतांत्रिक मूल्यो के विपरीत है रा•वि•प•जूनियर इंजीनियर्स संगठन उप्र के केंद्रीय महासचिव इं•जय प्रकाश ने संगठन के प्रति अपने लिखित बयान में बताया कि वर्तमान में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस(कोविड-19) के प्रकोप से पूरा विश्व जूझ रहा है।
इस संकट से निबटने व जंग लड़ने के लिये पीड़ितों को दिन रात बेहतर इलाज उपलब्ध कराने से लेकर कानून व्यवस्था बनाए रखने की चुनौतियो, निर्बाध विद्युत आपूर्ति बनाये रखने अथवा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने जैसी विभिन्न चुनौतियों को स्वीकार कर हर स्तर पर सरकारी कर्मियों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना कोरोना योद्धा के रुप मे अनवरत अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं इस दौरान तमाम कार्मिक खुद भी संक्रमित हो गए इतना ही नहीं उनमें से कई काल कवलित के शिकार भी हुये बावजूद इसके सरकारी कार्मिक अपने दायित्व निर्वहन करने से कदापि पीछे नही रहे पर यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि इस महामारी को नियंत्रित करने में सरकारी व सार्वजनिक कार्य क्षेत्र के कार्मिकों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। इतना ही नही सरकारी कार्मिक जो कि देश में इस महामारी से निपटने के लिए पूरे मनोयोग से अपनी सेवाएं प्रदान करने के साथ ही समय-समय पर राष्ट्र अथवा राज्य हित मे आर्थिक एवं सामाजिक सहयोग भी करता रहा है। देश में आपात संकट को देखकर विगत दिनो सरकारी कार्मिकों ने अपने एक दिन का वेतन स्वेच्छा से पीएम केयर्स अथवा मुख्यमंत्री पीड़ित राहत कोष में दान दान देने का कार्य किए।


फिर भीउपरोक्त स्थितियों में जबकि सरकारी सेवकों एवं उनके परिवार का उत्साहवर्धन किए जाने की महती आवश्यकता है किंतु उसके बजाय सरकार द्वारा बिना किसी अपील अथवा कार्मिको की सहमति लिये बिना कार्मिको के जीविकोपार्जन का मूल आधार 03 महंगाई भत्ते महंगाई , राहत भत्ता एवं अन्य भत्तो को रोके जाने हेतु उप्र शासन के वित्त विभाग द्वारा जारी आदेश सं-2/2020-वे•आ•1-314/दस-2020-8(एस)/2018 दिनांक 24 अप्रैल को लेकर कार्मिको मे घोर निराशा का भाव व्याप्त हुआ है जिससे वे अपने को असहज महसूस कर रहे हैं। इससे न सिर्फ कोरोना योद्धा के रूप में संघर्ष कर रहे उन कार्मिको का मनोबल प्रभावित प्रभावित होगा अपितु उक्त आदेश से लोकतांत्रिक मूल्यो को भी प्रभावित होने से इन्कार नही किया जा सकता ।
जिसके बाद सरकार के उक्त अव्यव्हारिक आदेश को लेकर राज्य विद्युत परिषद जूनियर इंजीनियर्स संगठन उप्र के केन्द्रीय अध्यक्ष इं जीबी पटेल एवं केंद्रीय महासचिव ने संयुक्त बयान मे कहा कि सरकार के इस अव्यव्हारिक आदेश को तत्काल वापस लिये जाने हेतु संगठन ने मा• मुख्यमंत्री उप्र सरकार को पत्र लिखकर इस संकटकाल में कोरोना योद्धा की तरह पूरी निष्ठा व समर्पण के साथ दिन-रात कार्य कर रहे सरकारी सेवको एवं सेवानिवृत्त कार्मिकों के महंगाई भत्ते महंगाई राहत एवं अन्य भत्तो को रोके जाने के आदेश पर पुनर्विचार कर इस आदेश को तत्काल वापस लिए जाने हेतु अनुरोध किया गया है जिसकी प्रति प्रधानमंत्री भारत सरकार को भी प्रेषित की गयी है ,
संगठन का मत है कि इस आदेश को वापस लिये जाने से सरकारी व निगमीय कार्मिको मे व्याप्त निराशा को समाप्त कर लोकतान्त्रिक मूल्यो को मजबूत करे ।

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