उत्तरप्रदेश की जनता को योगी सरकार का महा-धोखा

· अस्पतालों में नहीं हैं आईसीयू, वेंटिलेटर, सेपरेट वॉर्ड

· कोरोना महामारी के आंकड़े छिपा रही है योगी सरकार

· आगरा मॉडल पंक्चर, कानपुर में बढ़ा महामारी का अभिशाप

· जिलों को किस आधार पर कोरोना मुक्त घोषित किया गया ?

लखनऊ ।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है।

आगरा के महापौर की उस चिट्ठी के सामने आने के बाद जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री योगी से आगरा को बचाने की अपील की है, लल्लू ने कहा कि योगी सरकार कोरोना महामारी के बारे में जिस आगरा मॉडल का ढोल पीट रही थी, उसकी हवा निकल चुकी है।

आगरा में क्वारंटाइन किए गए लोगों को बिस्कुल और पानी फेंक कर दिए जाने की घटना पर लल्लू ने हैरानी जताते हुए कहा कि इससे योगी सरकार का अमानवीय चेहरा प्रकट होता है. आखिर अपने ही लोगों को साथ कोई सरकार ऐसा बुरा बर्ताव कैसे कर सकती है ?

लल्लू ने आगे कहा कि प्रदेश के मुख्य औद्योगिक केन्द्र कानपुर में कुछ मीडिया कर्मियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि शहर में हजारों की तादात में कोरोना पॉजिटिव हो सकते हैं लेकिन उनका अता-पता नहीं।

आखिर पता चले भी तो कैसे ? क्योंकि योगी सरकार तो अधिक से अधिक जांच करने के बजाय आंकड़ों को दबाने और जो मीडिया सचाई का बयान करे, उसके खिलाफ केस करने में मशगूल है।

केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा जारी किए गए के आंकड़ों का हवाला देते हुए, लल्लू ने कहा कि यूपी के 75 जिलों में से 53 जिले ऐसे हैं जहां 100 से कम आईसोलेशन बेड हैं जबकि इन्ही 53 में से 31 जिलों में कोरोना के केस पाए गए हैं।

कोरोना महामारी से संघर्ष करने के लिए ज़रूरी स्वास्थय सेवाओं के मामले में यूपी के पिछड़ेपान को उजाकर करते हुए लल्लू ने कहा कि अगर आईसीयू की ही बात करें तो यूपी के 75 में से 34 जिले ऐसे हैं जहां आईसीयू का इंतज़ाम है ही नहीं. ध्यान देने वाली बात ये है कि इन 34 जिलों में से 19 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना पॉज़िटिव केस पाए गए हैं।

लल्लू ने कहा कि कोरोना महामारी से लड़े में अगर भारत में सबसे पिछड़ा कोई राज्य है वो तो है यूपी. उसमें भी सहारनपुर, फिरोज़ाबाद और राय बरेली – इन तीन जिलों में सबसे खराब हालात हैं।

इसी तरह वेंटिलेटर बेड्स के मामले में भी यूपी की हालत बहुत दयनीय है. कुल 75 जिलों में से 35 जिले ऐसे हैं जहां वेंटिलेटर बेड्स हैं ही नहीं जबकि इन्ही 35 में से 20 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के केस पाए गए हैं।

यह कहते हुए कि चाहे पीपीई का मामला हो, दूसरी सुवधाओं जैसे जैसे वेंटिलेटर, आईसीयू आदि की बात हो या फिर महामारी के दौर में राज्य की जनता के साथ सहानुभूति पूर्वक व्यवहार का ममला हो, सूबे की बीजेपी सरकार पूरी तरह से असफल साबित हुई है, लल्लू ने सरकार से सवाल किया है कि –

1. आखिर किस आधार पर कुछ जिलों को हड़बड़ी में कोरोना मुक्त घोषित किया गया?

2. वेंटिलेटर, आईसीयू और आइसोलेशन वॉर्ड की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए सरकार ने क्या फैसला लिया है, कब हरकत में आएगी ?

3. आगरा में क्वारंटाइन किए गए गरीब लोगों को साथ बुरा बर्ताव करने वाले अधिकारियों के खिलाफ क्या कोई कार्रवाई करेगी सरकार ?

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