रेल कर्मचारियों ने केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ता रोके जाने से जताया रोष

ईसीआरकेयू ने किया मंहगाई भत्ता रोके जाने का विरोध

चोपन/सोनभद्र(अरविन्द दुबे

केंद्र सरकार पुनर्विचार करे : एआईआरएफ

देश के तीस लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पचास लाख पेंशन धारकों पर कोरोना वायरस का सबसे बड़ा प्रभाव पड़ने जा रहा है क्योंकि केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों और पेंशन धारकों को जनवरी 2020 से दिए जाने वाले मंहगाई भत्ते के भुगतान पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं । इतना ही नहीं इन कर्मचारियों को जुलाई 2021 तक के मंहगाई भत्ते पर न तो कोई निर्णय होगा और न ही कोई एरियर का भुगतान किया जाएगा । सरकार के इस एकपक्षीय निर्णय से रेलकर्मचारियों सहित केन्द्रीय कर्मचारियों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा वहीं कोरोना संकट में भी अपनी आवश्यकता सेवाओं देते रहने के बावजूद सरकार के इस निर्णय से वे हतोत्साहित होंगे ।
उक्त बातों की जानकारी देते हुए ईसीआरकेयू के केंद्रीय कोषाध्यक्ष मो ज़्याउद्दीन ने बताया कि आपदा के इस कठिन समय में रेलकर्मचारी अपनी जान पर खेल कर सम्पूर्ण देश में आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति करने में दिन रात लगे हुए हैं । इतना ही नहीं सभी केंद्रीय कर्मचारी अपने एक दिन के वेतन को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (प्रधानमंत्री केयर्स फंड ) में दे चुके हैं । ऐसे सेवाभाव के लिए उन्हें अतिरिक्त पारिश्रमिक देकर उनका हौसला बढ़ाने और सम्मान किए जाने की बजाए केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय ने तुगलकी फरमान जारी कर कर्मचारियों को आर्थिक संकट में डाल दिया है ।
इस विषय पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईसीआरकेयू चोपन वन के अध्यक्ष उमेश कुमार सिंह तथा शाखा सचिव वी के डी द्विवेदी ने कहा कि फेडरेशन के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा ने केंद्र सरकार द्वारा मंहगाई भत्ता फ्रीज करने के फरमान पर कड़ा प्रतिरोध दर्ज किया है और राष्ट्रीय संयुक्त परामर्श दात्री संस्था (कर्मचारी पक्ष) के संयोजक के नाते अनुरोध किया है कि सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करे ताकि कर्मचारियों का कार्य मनोबल बना रहे और ऐसी वैश्विक आपदा के समय देशहित में अपनी महत्वपूर्ण योगदान देते रहें ।

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