समर जायसवाल –
लॉक डाउन में वनकर्मियों की मिलीभगत से उड़ाए जा रहे जंगल

करहिया , जोरकहु के घने पेड़ो से आच्छादित जंगलों में पेडों के साथ ही साथ उड़ाए जा रहे खैर के प्लांटेशन।
विंढमगंज।रेनुकूट वन प्रभाग के विंढमगंज रेंज के अंतर्गत करहिया कंपार्टमेंट के मुड़मार टोले में साखू के पेड़ो पर वन माफियाओं की नजर है नतीजन साखू से आच्छादित जगल दिन प्रतिदिन उजाड़ होते जा रहें है। वन कर्मियों के उचित देखभाल के अभाव में करहिया के साथ ही साथ जोरकहु मे भी पेड़ो की कटान जोरों पर है।जोरकहु से करहिया तक सड़क की दोनों तरफ कई दर्जन पेड़ो की ठूंठ इस बात की गवाह है कि जंगल का आलम क्या है और वन विभाग के अधिकारियों को इसे बचाने की कितनी फिक्र है।डूमरा से जोरकहु की आगे बढ़ते ही दाहिने तरफ की पहाड़ी पर लगाई गई खैर की प्लांटेशन तो काटे ही जा रहे है साथ ही साथ जोरकहु मे भी विभिन्न प्रजाति के विशाल पेड़ों को भी प्रतिदिन काटा जा रहा है।करहिया के मुड़मार में तो साखू के भारी भरकम पेड़ो पर तो वन तस्करों की बुरी नजर यहां के कई साखू के भारी भरकम पेड़ो का कटान कर उसके ठूंठों को जला दिया गया है या झाड़ियों से ढाक दिया गया है।कई पेड़ो पर तो टांगी के कई प्रहार चल चुके है ,बस मौका देख उसे गिराने की तैयारी है।ग्रामीणों ने दबे जुबान में बताया कि इधर कोई आता ही नही है और कभी आता भी नजरें फेर अवैध रेत के खनन में लिप्त ट्रैक्टरों के पीछे भागते रहते है।पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रभागीय वनाधिकारी रेनुकूट का ध्यान आकृष्ट कराकर कर कटान में लिप्त लकड़ी तश्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई किये जाने की मांग किया है।
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