सदर विधायक ने नमो किट बांटकर गरीब,असहायों की किया मदद

सोनभद्र।कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री ने दो चरणों मे लॉक डाउन घोषित किया है। लॉक डाउन का प्रथम चरण 25 मार्च से 14 अप्रैल को पूरा होने पर प्रधानमंत्री ने दूसरे चरण में 15 अप्रैल से 3 मई तक बढ़ा दिया है।

इस दौरान केन्द्र और प्रदेश सरकार ने गरीब , असहाय , मजदूर वर्ग , दिव्यांग व बुजुर्ग लोग भूखे न रहे इसके लिए गरीब कल्याण योजना के तहत राशन वितरण किया जा रहा है तो वही स्थानीय प्रशासन व जनप्रतिनिधिगण भी ऐसे परिवारों को भोजन और राशन उपलब्ध करा रहे है।

इस लॉक डाउन में सोनभद्र के सदर विधायक भूपेश चौबे अपने विधानसभा क्षेत्र के 397 बूथ के क्षेत्रों में कोई भूखे पेट न सोने पाए इसके लिए कार्यकर्ताओ के माध्यम से उन लोगो तक भोजन का पैकेट व नमो किट पहुचा रहे है।

इस सम्बन्ध में विधायक भूपेश चौबे का कहना है कि कोरोना महामारी से घर मे रह कर व सामाजिक दूरी बना कर ही बचा जा सकता है। इस दौरान कोई परिवार भूखा न रहे इसके लिए कार्यकर्ताओ के माध्यम से उन तक नमो किट व मोदी योगी किचन से 250 – 300 लन्च पैकेट बनवाकर प्रतिदिन पहुचाया जाता है। इसके बाद भी कोई परिवार छूटता है तो जिला प्रशासन के सहयोग से उन तक राशन उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि कोई भी गरीब व्यक्ति व परिवार भूखा नही रहना चाहिए।

सूबे के आखिरी व देश के अति पिछड़े जिले के शामिल सोनभद्र की सीमाएं चार राज्यों बिहार , झारखण्ड , मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ से लगती है और यहां का अधिकांश भाग पहाड़ी है , जहां आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते है। ऐसे में कोरोना वायरस महामारी के बचाव के लिए घोषित लॉक डाउन में हर परिवार को राशन व भोजन उपलब्ध कराना जिला प्रशासन व जनप्रतिनिधियो के लिए कड़ी चुनौती है। लॉक डाउन के प्रथम व दूसरे चरण में सोनभद्र के सदर विधानसभा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक भूपेश चौबे अपने विधानसभा क्षेत्र के 397 बूथों पर मोदी योगी किचन के माध्यम से प्रतिदिन 250से 300 पैकेट भोजन गरीबो, दिव्यांग व बुजुर्गो को उपलब्ध करा रहे है।
इस सम्बन्ध में विधायक भूपेश चौबे का कहना है कि कोरोना महामारी से घर मे रह कर व सामाजिक दूरी बना कर ही बचा जा सकता है। इस दौरान कोई परिवार भूखा न रहे इसके लिए कार्यकर्ताओ के माध्यम से उन तक नमो किट व मोदी योगी किचन से 250 – 300 लन्च पैकेट बनवाकर प्रतिदिन पहुचाया जाता है। इसके बाद भी कोई परिवार छूटता है तो जिला प्रशासन के सहयोग से उन तक राशन उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का साफ कहना है कि कोई भी गरीब व्यक्ति व परिवार भूखा नही रहना चाहिए।

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