कोविड-19 : मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की सख्ती से पालन के दिये निर्देश।

हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन एवं डोर स्टेप डिलीवरी टीमों को ही आवागमन की अनुमति

लखनऊ 16 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पुलिस, स्वास्थ्य कर्मी तथा स्वच्छता कर्मियों पर यदि कोई हमला करे, तो दोषी के विरुद्ध आपदा प्रबन्धन अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एन0एस0ए0) तथा आई0पी0सी0 की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्यवाही की जाए। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि उपद्रवी तत्वों द्वारा तोड़-फोड़ किए जाने पर नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवी तत्वों से वसूली की जाए। ऐसा न करने पर उनकी सम्पत्ति जब्त कर ली जाए। उन्होंने कहा कि हेल्थ टीम के साथ पुलिस भी जाए।

मुख्यमंत्री आज यहां लोकभवन में आहूत एक बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन का सख्ती से अनुपालन कराया जाए। यह भी सुनिश्चित कराया जाए कि जनता को आवश्यक सामग्री आसानी से उपलब्ध हो। इसके दृष्टिगत होम डिलीवरी की व्यवस्था को तेज किया जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि सप्लाई चेन बनी रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों को पूरी तरह से सील कर, आवागमन को पूरी सख्ती से प्रतिबंधित किया जाये। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही की जाये। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटाइजेशन एवं डोर स्टेप डिलीवरी टीमों को ही आवागमन की अनुमति दी जाये। हाॅट स्पाॅट क्षेत्रों में घर-घर सेनिटाइजेशन कराया जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण को छुपाने एवं जानबूझकर न बताने वाले लोगों को चिन्हित कर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए। ऐसे लोगों की ब्वतवदं ब्ंततपमत होने की सम्भावना रहती है। ऐसे लोगों को प्रश्रय देने वालों और उनकी तलाशी न करने वाले थानेदारों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान आगामी 20 अप्रैल, 2020 से भारत सरकार के आदेशानुसार विभिन्न गतिवधियों का संचालन अनुमन्य किया जा रहा है। भारत सरकार की व्यवस्था के क्रम में प्रदेश में प्रारम्भ किए जाने वाले कार्यों तथा गतिविधियों के सम्बन्ध में सभी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। प्रत्येक यूनिट की सावधानियां तय की जाएं। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी प्रत्येक यूनिट में थर्मल स्कैनर तथा सेनिटाइजर आदि की पर्याप्त उपलब्धता रहे। हर हाल में सोशल डिस्टैसिंग का पालन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए नियमों को अधिकारीगण पढ़ें तथा कार्ययोजना तैयार करें। अनुमन्य की जाने वालीं विभिन्न गतिविधियों के सम्बन्ध में शासनादेश तत्काल जारी किया जाए। शासनादेश में सभी सावधानियों का स्पष्ट तौर पर उल्लेख अवश्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक जनपद के चिन्हित अस्पतालों में इमरजेन्सी सेवाएं सक्षम स्तर से अनुमति के पश्चात ही संचालित की जाएं। इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिव प्राथमिकता पर व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। सभी अस्पतालों में एन-95 मास्क, पी0पी0ई0 सहित संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। बिना कोविड नियंत्रण प्रशिक्षण एवं सुरक्षा उपाय के इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन न किया जाए। जिन चिकित्सा संस्थानों में स्टाफ की संक्रमण से सुरक्षा के सभी प्रबन्ध उपलब्ध होंगे और डाॅक्टरों सहित सभी चिकित्साकर्मी प्रशिक्षित होंगे, वहीं इमरजेन्सी सेवाओं का संचालन अनुमन्य किया जाए। यह सुनिश्चित करना सम्बन्धित जिला प्रशासन का दायित्व होगा। उन्होंने कहा कि टेलीमेडिसिन के माध्यम से लोगों को टेली कन्सलटेन्सी अर्थात चिकित्सीय परामर्श सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल अथवा संस्थागत क्वारेन्टाइन की अवधि पूरी करने के पश्चात होम क्वारेन्टाइन हेतु घर भेजे जा रहे सभी लोगों की, अपर मुख्य सचिव राजस्व से सूची प्राप्त कर, ‘मुख्यमंत्री हेल्पलाइन 1076’ के माध्यम से नियमित माॅनीटरिंग की जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण प्रदेश में मण्डी तथा बाजारों आदि में सोशल डिस्टैन्सिंग का पालन कराया जाए। प्रदेश की सभी मण्डियों के खुलने के समय सेनिटाइजेशन का कार्य नियमित तौर पर कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारी प्रत्येक फोन काॅल को अटेण्ड करें। लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए सचेत एवं संवेदनशील रहें। सम्बन्धित राज्य सरकार के नियमित सम्पर्क में रहते हुए विभिन्न राज्यों में उत्तर प्रदेश वासियों की दिक्कतों को दूर कराएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गेहूं क्रय केन्द्रों पर सभी व्यवस्थाएं उपलब्ध करायी जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर खरीद न हो। लाॅकडाउन अवधि में जनता की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों एवं संस्थाओं द्वारा काॅल सेण्टर, हेल्पलाइन एवं नियंत्रण कक्ष संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि यह सभी सुचारू रूप से कार्यशील रह कर लोगों को पूरी सहायता प्रदान करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कम्युनिटी किचन व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए अधिक से अधिक जरूरतमंदों को लाभान्वित किया जाए। वितरण कार्य में प्रमाणित लोग ही रखे जाएं। कोई भी संदिग्ध व्यक्ति इस कार्य में न लगाया जाए। इसलिए सभी जिलाधिकारियों को इस सम्बन्ध में विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आपदा के समय में सभी जरूरतमन्दों को तत्काल खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। जो जरूरतमन्द किसी भी खाद्यान्न योजना से आच्छादित नहीं हैं, ऐसे लोगों को भी खाद्यान्न के साथ ही 1000 रुपये का भरण-पोषण भत्ता उपलब्ध कराया जाए। निराश्रित गोवंश एवं अन्य पशुओं के भोजन आदि का समुचित प्रबन्ध सुनिश्चित किया जाए। पशु चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा आवश्यकतानुसार इनका उपचार कराया जाए।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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