डॉ. आम्बेडकर के रास्ते से विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को मिलेगी मजबूती

-कोरोना महामारी के बीच याद किए गए आम्बेडकर
-लॉक डाउन का पालन करते हुए भाजपा जिलामंत्री ने किया पूजन
ओबरा (सतीश चौबे)
हम सभी को आम्बेडकर के बताए पदचिन्हों पर चलकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करने की जरूरत है। उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के जिलामंत्री श्री कन्हैयालाल जायसवाल ने कही। इसके पूर्व डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर की जयंती पर माल्यार्पण कर पूजन-अर्चन किया।
जिलामंत्री ने कहा कि डॉ. भीमराव रामजी आम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को हुआ था, वहीं 6 दिसंबर, 1956 को देह त्यागा था। डॉ॰ बाबा साहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाज सुधारक थे।उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था।

श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माता थे। हम सभी को उनके बताए पदचिन्हों पर चलकर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को और अधिक मजबूत करने में सफल होंगे।

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