कोविड-19 के संक्रमण को छुपाने वाले अथवा जानबूझकर फैलाने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा की

सभी चिकित्सालयों में पूरी सुरक्षा और सर्तकता अपनाते हुए आपातकालीन सेवाओं को बहाल किया जाए

हाॅट स्पाट क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण की जांच की कार्रवाई को तेज किया जाए

डोर स्टेप डिलीवरी एवं सेनिटाइजेशन की कार्रवाई को हाॅट स्पाट क्षेत्रों में सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाया जाए

जनपद पीलीभीत अब कोविड-19 के संक्रमण से पूरी तरह मुक्त

संस्थागत क्वारेन्टाइन में 14 दिन की अवधि पूर्ण कर चुके व्यक्तियों की जांच कराकर कोविड-19 का कोई लक्षण परिलक्षित न होने पर, उन्हें 14 दिन के होम क्वारेन्टाइन हेतु उनके घर पहुंचाया जाए

ऐसे व्यक्तियों हेतु अनिवार्य रूप से खाद्यान्न की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए सभी गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए

लखनऊ।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा है कि कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण को छुपाने वाले अथवा जानबूझकर फैलाने वाले लोगों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। इस सम्बन्ध में शिथिलता बरते जाने पर सम्बन्धित जिला मजिस्टेट व पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री जी आज यहां अपने सरकारी आवास पर आहूत एक बैठक में कोविड-19 पर नियंत्रण हेतु लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों में पूरी सुरक्षा और सर्तकता अपनाते हुए आपातकालीन सेवाओं को बहाल किया जाए। चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के समस्त उपाय किए जाएं। चिकित्सालयों को कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त रखना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। इसलिए चिकित्सकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 से बचाव के सम्बन्ध में समुचित प्रशिक्षण एवं जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए जाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हाॅट स्पाट क्षेत्रों में कोविड-19 के संक्रमण की जांच की कार्रवाई को तेज किया जाए। इसके लिए कैटेगरी बनाकर व टीमें लगाकर जांच की कार्रवाई की जाए। इन क्षेत्रों में डोर स्टेप डिलीवरी एवं सेनिटाइजेशन की कार्रवाई को सुदृढ़ एवं प्रभावी बनाया जाए। हाॅट स्पाट क्षेत्रों में इन कार्यवाहियों को सघन रूप से चलाया जाए, जिससे वह क्षेत्रवासियों को नजर भी आए। बैठक में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने बताया कि जनपद पीलीभीत में कोविड-19 प्रभावित रोगियों का सफलतापूर्वक उपचार हो चुका है। अब जनपद पीलीभीत कोविड-19 के संक्रमण से पूरी तरह मुक्त हो गया है। उन्होंने अवगत कराया कि टेलीमेडिसिन की व्यवस्था प्रारम्भ कर दी गई है। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि टेलीमेडिसिन की सुविधा जनपद स्तर पर प्रारम्भ की जाए। इस सुविधा का प्रचार-प्रसार किया जाए। टेलीमेडिसिन के माध्यम से सलाह के लिए समय विशेष पर उपलब्ध रहने वाले चिकित्सकों के फोन नम्बर समाचार पत्रों में प्रकाशित कराए जाएं। बैठक में प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा ने अवगत कराया कि प्रदेश में अब कोरोना वायरस कोविड-19 की जांच के लिए 14 लैब्स क्रियाशील हो गईं हैं। मुख्यमंत्री जी ने जनपद मथुरा में शीघ्रातिशीघ्र कोविड-19 जांच लैब प्रारम्भ कराने के निर्देश देते हुए इस सम्बन्ध में स्वास्थ्य कर्मियों को आवश्यक प्रशिक्षण दिलाकर तैयारी करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्थागत क्वारेन्टाइन में 14 दिन की अवधि पूर्ण कर चुके व्यक्तियों की जांच कराकर कोविड-19 का कोई लक्षण परिलक्षित न होने पर, उन्हें 14 दिन के होम क्वारेन्टाइन हेतु उनके घर पहुंचाया जाए। ऐसे व्यक्तियों हेतु अनिवार्य रूप से खाद्यान्न की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए। इन व्यक्तियों के नाम पते सहित सूची तैयार कर सम्बन्धित जनपद की सर्विलांस टीम को उपलब्ध कराई जाए। जांच के दौरान कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को आइसोलेशन में भेजा जाए। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में रह रहे अन्य राज्य के नागरिकों अथवा विदेशी व्यक्तियों से सम्पर्क कर उनकी समस्याओं का समाधान कराया जाए। उन्हांेने कहा कि वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में अमेरिका व जापान आदि चीन से अपना निवेश निकालना चाहते हैं। यह उत्तर प्रदेश के लिए एक अवसर हो सकता है। अवस्थापना एवं औद्योगिक आयुक्त, प्रमुख सचिव एम0एस0एम0ई0, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास मिलकर इस निवेश को आकर्षित करने के लिए कार्ययोजना बनाएं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि सभी गतिविधियों में सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन कराया जाए। मण्डियों में नोडल अधिकारी तैनात कर सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करायी जाए। स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा तैयार कराए गए भोजन का वितरण जिला प्रशासन की निगरानी में निर्धारित स्थान पर कराया जाए। भोजन की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया जाए। ग्रामीण इलाकों से सब्जी आदि लाकर शहरों में बेचने वाले कृषकों को असुविधा न हो। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसानों को कृषि निवेशों यथा खाद, बीज आदि की समस्या न हों। क्रय केन्द्रों के अलावा एफ0पी0ओ0 आदि अन्य संस्थाओं को किसान के खेत अथवा घर से उसकी उपज के क्रय की अनुमति दी जाए। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाए कि किसान को उसकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम मूल्य न प्राप्त हो। खाद्यान्न की कमी न होने पाए। जिन पात्र परिवारों के पास राशन कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड बनवाकर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि अवैध शराब को प्रत्येक दशा में रोका जाए। किसी भी क्षेत्र में अवैध शराब पाए जाने पर सम्बन्धित एस0डी0एम0 और सी0ओ0 के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर मुख्य सचिव आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व श्रीमती रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एस0पी0 गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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