ब्राजील में कोरोना वायरस से 487 लोगों की मौत , 11287 लोग संक्रमित

ऐतिहात नही बरता गया तो अमेजन के पूरे आदिवासी इसकी चपेट में आ सकते है। इससे लाखों की संख्या में मौत हो सकती है


ब्रासीलिया।ब्राजील में कोरोना वायरस के चपेट में अबतक 487 लोगों की जहा मौत हो चुकी है वही 11287 लोग संक्रमित है। बताते चले कि ब्राजील में कोरोना वायरस का कहर जारी है अभी तक जहां 487 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं 11287 लोग इससे संक्रमित हैं।शुरू में इस महामारी के केंद्र साउ पाउलो के औद्योगिक राज्य थे।अब यह पूरे देश में यह कोरेना वायरस फैल चुका है, जिसमें अमेजन का इलाका भी शामिल है। ब्राजील के आदिवासियों में कोरोना वायरस का पहला मामला अमेजन इलाके में ही पाया गया था

फेडरेशन ऑफ साओ पाउलो की शोधकर्ता डॉ. सोफिया मेंडोंका कहती हैं, ‘डर है कि कोरोनो वायरस अधिक खतरनाक साबित हो सकता है.’ 1960 के दशक में वेनेजुएला की सीमा के पास रहने वाले यानोमामी समुदाय के लोगों के बीच खसरे के प्रकोप से संक्रमित लोगों में से 9 फीसदी की मौत हो गई थी

कोरोना वायरस से बचाव के लिए कुछ समुदायों ने खुद को छोटे-छोटे समूहों में अलग कर लिया है और जंगल के अंदर ही रहने की योजना बनाई है।कोरेना वायरस के ‘संक्रमण से बचने के संसाधन काफी कम’ है। इन समुदायों के पास संक्रमण से बचने के संसाधन काफी कम हैं।इनके पास न तो हैंड सैनिटाइजर हैं और न ही साबुन

अगर ऐतिहात नही बरता गया तो ऐसे में एकबार यह महामारी इनके बीच फैलती है तो अमेजन के पूरे आदिवासी इसकी चपेट में आ सकते है। इससे लाखों की संख्या में मौत हो सकती है क्योंकि ये आदिवासी एक-दूसरे के करीबी संपर्क में रहते हैं. यही नहीं, ये आदिवासी आपस में खाने के सामान से लेकर बर्तन तक साझा करते हैं

ये दोनों ही परिस्थितियां कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने की रफ्तार तेज कर देंगी।अमेजन के जंगल धरती के फेफड़े कहे जाते हैं और बड़ी संख्‍या में आदिवासी समुदाय के लोग इस जंगल में सदियों से रहते रहे हैं। कोरोना ने अब उनके अस्तित्‍व के लिए संकट पैदा कर दिया है।सौजन्य से पल पल इंडिया।

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