कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए सभी जनपदों में  डिस्ट्रिक्ट सर्विलान्स आॅफिसर्स की तैनाती की जाए

प्रधानमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना लाॅक डाउन का एक सप्ताह पूर्ण होने के अवसर पर सम्बोधित किया
कई राज्यों ने इसे लागू करने में प्रभावी ढंग से काम किया
कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश को अभी बहुत मेहनत करनी होगी
अगले कुछ सप्ताह तक कोरोना की रोकथाम, कोरोना टेस्टिंग, कोरोना संदिग्धों का आइसोलेशन/क्वाॅरन्टीन और
कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीज के इलाज के सम्बन्ध में आवश्यक प्रशिक्षण पर ध्यान देना आवश्यक
दवा, उपकरण इत्यादि की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित की जाए
प्रधानमंत्री ने जिलास्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स गठित करने के लिए कहा
मुख्यमंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए एक फण्ड की स्थापना के निर्देश दिये
इसका उपयोग कोरोना से जंग के मद्देनजर मेडिकल काॅलेजों की क्षमता विस्तार, टेस्टिंग लैब्स की स्थापना, पी0पी0ई0 किट्स, वेंटिलेटर्स,
ट्रिपल लेयर मास्क के उत्पादन, आइसोलेशन तथा क्वाॅरन्टीन वाॅर्डाें की स्थापना के साथ-साथ टेलिमेडिसिन सुविधा के लिए किया जाए
प्रदेश में वेंटिलेटर्स, पी0पी0ई0, ट्रिपल मास्क की व्यवस्था सुदृढ़ की जाए: मुख्यमंत्री
लखनऊ: ।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने आज वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कोरोना लाॅक डाउन का एक सप्ताह पूर्ण होने के अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया काफी हद तक सफल रही है। कई राज्यों ने इसे लागू करने में प्रभावी ढंग से काम किया है। उन्होंने आगाह किया कि लाॅक डाउन का आज से दूसरा सप्ताह प्रारम्भ हो चुका है। अभी भी हालात चिन्ताजनक है। ऐसे में पूरे देश को अभी बहुत मेहनत करनी होगी। उन्होंने कहा कि भारत सरकार डब्ल्यू0एच0ओ0, डाॅक्टरों तथा विशेषज्ञ परामर्शियों के सुझाव पर फोकस कर रही है।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण सुझाव हैं, जिनका सभी को अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने कहा कि अगले कुछ सप्ताह तक कोरोना की रोकथाम, कोरोना टेस्टिंग, कोरोना संदिग्धों का आइसोलेशन/क्वाॅरन्टीन और कोरोना संक्रमण से प्रभावित मरीज के इलाज के सम्बन्ध में आवश्यक प्रशिक्षण पर ध्यान देना आवश्यक होगा। इसके अलावा, दवा, उपकरण इत्यादि की निर्बाध सप्लाई भी सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही, दवाओं के निर्माण के लिए आवश्यक राॅ मैटेरियल की सप्लाई भी सुनिश्चित करनी होगी।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि सभी राज्य अपने यहां अलग कोरोना हाॅस्पिटल स्थापित करें और कोरोना इलाज में लगने वाली टीम को अलग रखें। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि आने वाले दिनों में डाॅक्टरों की कमी न हो। उन्होंने आयुष डाॅक्टरों को आॅनलाइन प्रशिक्षण देकर उन्हें जोड़ने के लिए कहा। इसके अलावा, पैरामेडिकल स्टाफ, एन0सी0सी0 कैडेटों, एन0एस0एस0 के वाॅलेन्टियर्स तथा अन्य आवश्यक स्टाफ को भी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनकी सेवाएं भी ली जा सकें। वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों की मदद में ये लोग प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं। सभी राज्य इम्युनिटी इम्प्रूव करने के लिए गाइडलाइन जारी करते हुए जनता को इसकी व्यापक जानकारी दें। उन्होंने जिलास्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप्स गठित करने के लिए कहा। इसमें स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। कोरोना से निपटने में लगे सभी स्टेकहोल्डर्स की भी मदद ली जाए।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए सभी जनपदों में डिस्ट्रिक्ट सर्विलान्स आॅफिसर्स की तैनाती की जाए। उन्होंने जिले की अधिकृत टीम से ही डेटा कलेक्शन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोरोना से निपटने के लिए गरीबों के खातों में अन्तरित धनराशि की निकासी के लिए बैंकों में अचानक भीड़ न लगे। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश में फसलें तैयार हैं, अतः इनकी कटाई के लिए किसानों को छूट दी जा रही है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाए कि इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का खयाल रखा जाए। जिलावार, तहसीलवार कटाई करवाई जाए। कटाई के बाद फसलों की ढुलाई के लिए वाहनों की पूलिंग की जाए। केन्द्रीय आयोग द्वारा कोविड-19 से लड़ने के लिए 11 हजार करोड़ रुपये की धनराशि रिलीज़ की गयी है। उन्होंने राज्यों से अपने-अपने सुझाव लिखकर भेजने का भी अनुरोध किया।
प्रधानमंत्री जी ने सभी राज्यों का आह्वान करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में प्रत्येक देशवासी को एकजुट रहते हुए कोरोना का मुकाबला करना है। केन्द्र सरकार द्वारा मुख्यमंत्रियों द्वारा भेजे गये सुझावों पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह युद्ध से बड़ा संकट है, ऐसे में देश के प्रत्येक नागरिक को स्वयं को बचाने के लिए सभी सावधानियां बरतनी होंगी। कोरोना हाॅटस्पाट को चिन्हित करते हुए उन्हें पूरी तरह काॅर्डन आॅफ किया जा रहा है। उन्होंने सभी देशवासियों से शान्ति, एकता, सद्भावना और कानून-व्यवस्था बनाये रखने की अपील की। उन्होंने धर्मगुरुओं का आह्वान किया कि वे अपने-अपने धर्मानुयायियों को कोरोना से निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों का पालन करने के लिए समझाएं। उन्होंने कहा कि हर हाल में कोरोना की चेन तोड़ना हमारी प्राथमिकता है। कोविड-19 की चुनौती से हम सभी को एक होकर निपटना है।
प्रधानमंत्री जी ने सभी से अपनी-अपनी जिम्मेदारियों का भलीभांति निर्वहन करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना से निपटने में लगी टीम की सुविधा के लिए एक युवा वैकल्पिक टीम भी तैयार की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि लाॅक डाउन समाप्त होने के बाद भी लोग सोशल डिस्टेंसिंग को स्वयं ही मानें। सभी लोग एकाएक बाहर निकलकर भीड़ न लगाएं। लाॅक डाउन से वापस निकलने पर सभी को बुद्धिमत्ता से काम लेना होगा।
प्रधानमंत्री जी ने कहा कि विदेशों में फंसे भारतीयों की मदद के लिए भारतीय दूतावासों के माध्यम से विभिन्न देशों के दूतावासों को सम्पर्क किया गया है। केन्द्र सरकार वेंटिलेटर्स, एन-95 मास्क प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास कर रही है। जैसे ही ये उपलब्ध होंगे इन्हें राज्यों तक पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 51 प्राइवेट लैब्स को भी कोरोना टेस्टिंग की अनुमति दी गयी है।
वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कोरोना से निपटने के लिए एक कोष की स्थापना के निर्देश देते हुए कहा कि इस कोष का उपयोग कोरोना से जंग के मद्देनजर मेडिकल काॅलेजों की क्षमता विस्तार, टेस्टिंग लैब्स की स्थापना, पी0पी0ई0 किट्स का उत्पादन, वेंटिलेटर्स, ट्रिपल लेयर मास्क, आइसोलेशन तथा क्वाॅरन्टीन वाॅर्डाें की स्थापना के साथ-साथ टेलिमेडिसिन सुविधा के लिए किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के दौरान उपस्थित अधिकारियों को प्रदेश में वृद्धाश्रम तथा अन्य आश्रय स्थलों का विवरण संकलित करने के निर्देश दिये। उन्होंने प्रदेश में उपलब्ध वेंटीलेटर्स, पी0पी0ई0, ट्रिपल मास्क की व्यवस्था को भी सुदृढ़ करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश में ही मास्क एवं सैनेटाइज़र निर्माण को बढ़ावा दिया जाए। इसके साथ ही, एस0जी0पी0जी0आई0 के माध्यम से आयुष डाॅक्टरों, आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों, आशा बहुओं, अवकाश प्राप्त स्वास्थ्यकमिर्याें के प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। उन्होंने पुलिस कर्मियों के लिए आवश्यक पी0पी0ई0 की भी व्यवस्था करने और आयुष डाॅक्टरों की एक बैठक बुलाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मास्टर टेªनर्स को भलीभांति प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि यह लोग अपने-अपने जनपदों में सम्बन्धित स्टाफ को भी प्रशिक्षण दे सकें। उन्होंने आर्मी मेडिकल कोर के लोगों को जोड़ने के साथ-साथ कोविड-19 टेस्टिंग लैब्स की स्थापना के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री जी ने प्रत्येक जनपद में संभ्रान्त व्यक्तियों, धर्माचार्याें, धर्म गुरुओं के साथ ब्लाॅक, थाना, तहसील, जनपद स्तर पर मीटिंग कर सभी समुदायों तक कोरोना से निपटने के लिए उठाये जा रहे कदमों जैसे लाॅक डाउन को प्रभावी ढंग से सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सुरेश खन्ना, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, अपर मुख्य सचिव गृह एवं सूचना श्री अवनीश कुमार अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल तथा पुलिस महानिदेशक श्री हितेश सी0 अवस्थी मौजूद थे।
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