म्योरपुर में एम्बुलेंस कर्मियों के कार्य बहिष्कार से मरीज हुये हलकान
पंकज सिंह/विकास अग्रहरी@sncurjanchal

कोरोना संक्रमण को लेकर देश में हुए लाकडाउन में प्रदेश के एंबुलेंस कर्मियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया जिससे स्वास्थ्य व्ववस्था बेपटरी हो गई।मंगलवार को सोनभद्र में भी अपनी मांगो को लेकर एंबुलेंस कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए रेफर मरीजों को जिला अस्पताल ले जाने के लिए मना कर दिया।एंबुलेंस कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।डाक्टरों द्वारा रेफर किए मरीज अस्पताल परिसर में ही पड़े रहे।सबसे ज्यादा दिक्कतें गर्भवती महिलाओं को हुई।गंभीर अवस्था में रेफर होने के बाद एंबुलेंस कर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण जिला अस्पताल नहीं जा सकी और अस्पताल के बाहर ही प्रसव पीड़ा में कराहती रहीं।वहीं एंबुलेंस चालकों ने अपनी मांगो को रखते हुए बताया कि मुख्यमंत्री जी ने कहा है कि प्राईवेट कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं रहेंगे और हम लोगों को प्राईवेट कर्मचारियों का दर्जा मिला हुआ है। हम सभी एंबुलेंस कर्मियो को पिछले दो-तीन महीनों से वेतन नहीं मिला है और ना ही हमारे खाते में पीएफ की रकम आई है। हम अपने घर-परिवार छोड़कर मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं लेकिन इस संक्रामक बीमारी से बचने के लिए उनको न तो स्वास्थ विभाग पर और ना ही उनकी कंपनी की तरफ से उन्हे ग्लव्स,सैनिटाइजर और मास्क नहीं दी जा रही हैं ऐसे में बीमार लोगो की सेवा कैसे प्रदान करें।

इन एंबुलेंस चालकों का मानना है कि वह सबसे पहले वे ही संक्रमण के शिकार होंगे इतना ही नहीं एंबुलेंस चालकों का कहना लिहाजा इन समस्याओं पर अगर तत्काल प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने दूर नहीं किया तो एंबुलेंस सेवा बंद कर दी जाएगी।मांग करते हुए एंबुलेंस चालको ने कहा कि उन्हे राज्य कर्मचारियों का दर्जा दिया जाए या एनएचएम में शामिल किया जाए नहीं तो हम लोग अपना काम बंद कर देंगे। हालांकि जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग के द्वारा बार-बार यह आश्वासन दिया जा रहा है कि हर परिस्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था की गई है ऐसे में एंबुलेंस चालक द्वारा दिया गया यह अल्टीमेटम स्वास्थ विभाग एवं प्रशासन के व्यवस्थाओं की तैयारियों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं।
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