21 दिन का लॉक डाउन बना खननकर्ताओं के लिए स्वर्णिमकाल ,गुलालझरिया ,जाबर , ठेमा,पिपराडीह,नगवां बना संक्रमण का रेड ज़ोन

पीएम के अपील को धता बता कोरोना संक्रमण में दे रहे योगदान

बाहरी कामगारों के साथ रेत खनन में जुटे बेख़ौफ़ खननकर्ता ,जाबर व गुलालझरिया व नगवां में कोरोना फ़ैलाने में जी जान से जुटे।

प्रशासन की चौकसी को मुंह चिढ़ा कर कर रहें अवैध खनन, नदियों के पानी मे भी संक्रमण फ़ैलने की बढ़ी आशंका,कतिपय पत्रकार की भी चल रही ट्रेक्टर*

दुद्धी। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को कोरोना नामक संक्रमण से बचाने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन किया है।पुलिस दिन भर सड़क पर घूम रहे लोगों को खदेड़ कर घरों में कैद कर रही है कि संक्रमण की कड़ी टूटे वायरस का संक्रमण काल खत्म हो सके।लेकिन दूसरे तरफ यहां के रेत माफिया पीएम के अपील को धता बता क्षेत्र के जाबर , गुलालझरिया व नगवां में इस समय देश के तमाम महानगरों जैसे,सूरत ,अहमदाबाद ,मुम्बई और दिल्ली ,चेन्नई से काम कर गांव पहुँचे है और उन्हें काम की तलाश है जिन्हें तीनों गांव में सक्रिय खननकर्ताओं ने रेत खनन कार्य मे लगा दिया है जिससे दर्जनों के झुंड में मजदूरों में कोरोना से संक्रमित होने की आशंका बताई जा रही है।साथ ही नदी की पानी को भी संक्रमित होने की आशंका है।लेकिन इन खननकर्ताओं पर प्रशासन के निर्देशों का कोई असर नही पड़ रहा और ये कोरोना महामारी के लिए 21 दिनों के लिए घोषित लॉक डाउन इनके लिए स्वर्णिम काल साबित हो रहा है।रात और दिन के सन्नाटे में ये ठेमा व कनहर नदी से विभिन्न निर्माणाधीन साइटो पर रेत की आपूर्ति 25 सौ से 3 हजार ट्राली के रेत पर आपूर्ति दे रहें है।पर्यावरण कार्यकर्ता रमेश ,प्रमोद ,जमुना , केवला प्रसाद ,उदयलाल ने अविलंब इन खननकर्ताओं के खिलाफ राष्ट्रद्रोह में मुकदमा कायम करवाने की मांग जिला प्रसाशन से की है साथ ही इनकी ट्रैक्टर जब्ती की भी मांग की है।

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