बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
बभनी।ब्लाक के डूब क्षेत्र कोरची गांव में मंगलवार एक बारात आयी। लॉक डाउन के चलते बारात में दूल्हे के साथ सिर्फ दो बाराती शामिल हुए, वह भी एक वाहन से आये हुए थे। निकाह के बाद दुल्हन अपने पति के साथ छत्तीसगढ़ राज्य होते हुए झारखण्ड की सीमा तक गई। वहां छत्तीसगढ़ और झारखंड सीमा के बीच स्थित कनहर नदी पुल को पैदल पार कर उस पार खड़े चार पहिया वाहन से ये लोग भंडरिया के लिए रवाना हुए।
झारखंड के भंडरिया गांव से यह बारात मंगलवार को आई थी। भंडरिया से तीन वाहनों पर चली 9 लोगों की बारात जैसे ही झारखंड सीमा पर रामानुजगंज पहुँची तो झारखंड के प्रशासन ने सील बॉर्डर पर वाहनों को रोक लिया।इस पर लड़के के पिता ने दुल्हन के पिता से फोन पर बात की, तो कोरची से लड़की के पिता किसान जसीम ने उन्हें लाने के लिए एक बोलेरो भेजा। मंगलवार की दोपहर 12 बजे बारात पहुंची। ग्राम प्रधान गंभीरा ने बताया कि जसीम खेती किसानी करता है। उसकी बेटी का निकाह की तारीख महीनों पूर्व 24 मार्च तय की गई थी ।इसी दौरान कोरोना महामारी के प्रकोप से गत दिनों झारखंड सहित आज यूपी भी लॉक डाउन हो गया। जिसके कारण बारात लाने में जब वाहन की अनुमति नहीं मिली तो निकाह करने के लिए दूल्हे के साथ सिर्फ दो बाराती ही आये। तय समय पर निकाह पढ़ा गया। उसके बाद बारात दुल्हन को विदा करा कर ले गए। दुल्हन के पिता जसीम ने बताया कि बारात में दामाद जुबैर आलम के साथ समधी खुर्शीद आलम व एक गवाह के रूप में महिला शकीला आयी थी। निकाह के बाद बोलेरो वाहन से उन्हें रामानुजगंज तक भिजवाया