WHO ने कहा, दुनिया में तेजी से फैल रहा कोरोना लेकिन अभी तक हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं

जिनेवा ।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने सोमवार को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी कि कोविड-19 महामारी के प्रसार में तेजी आ रही है। हालांकि अभी भी इसकी ट्रेजेक्टरी (बढ़ने की रफ्तार) को बदलना संभव है। साथ ही डब्लूएचओ ने इस महामारी को रोकने के लिए उठाए जा रहे भारत सरकार के कदमों की सराहना की है।
डब्लूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद उसका आंकड़ा एक लाख तक पहुंचने में 67 दिन लगे। जबकि एक लाख से बढ़कर दो लाख पहुंचने में 11 दिन और दो लाख से तीन लाख तक पहुंचने में सिर्फ चार दिन लगे। लेकिन हम असहाय नहीं हैं। हम अभी भी इस महामारी के बढ़ने की रफ्तार काबू कर सकते हैं।
इस महामारी से निपटने के भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए डब्लूएचओ के दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय आपात निदेशक डॉ. रोड्रिको ऑफ्रिन ने एक बयान जारी कर कहा कि कोविड-19 का प्रसार रोकने के लिए भारत व्यापक और मजूबत कदम उठा रहा है। क्वारंटाइन और सोशल डिस्टेंसिंग से संबंधित उसकी ताजा घोषणाओं में प्रभावित जिलों में लॉकडाउन और रेल, अंतरराज्यीय बस व मेट्रो सेवाओं का स्थगन शामिल है। इन कदमों से वायरस का संक्रमण धीमा करने में मदद मिलेगी।

★ ‘कोविड-19 के अभी तक हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं’

डब्लूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की प्रमुख डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के अभी तक हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं है। सोशल मीडिया पर इस तरह की अफवाहों के फैलने के मद्देनजर उनका यह बयान आया है। डॉ. पूनम ने कहा, ‘कोविड-19 के हवा में फैलने की रिपोर्ट नहीं है। अभी तक प्राप्त सूचना के आधार पर कोविड-19 अधिकांशत: सांसों के साथ निकलने वाली छोटी बूंदों (जैसे कोई बीमार व्यक्ति जब छींकता है तो उससे निकलने वाली छोटी बूंदें) और नजदीकी संपर्क से फैलता है। इसलिए डब्लूएचओ हाथ और श्वसन स्वच्छता की अनुशंसा करता है।’ उन्होंने कहा कि चीन के अधिकारियों ने सूचना दी है कि अपेक्षाकृत बंद परिवेश में एयरोसोल संचरण कर सकता है जैसे अस्पतालों के आइसीयू एवं सीसीयू में अधिक सघनता वाले एयरोसोल के संपर्क में आने से। उन्होंने कहा, ‘बहरहाल वायरस के इस तरह से फैलने के बारे में समझने के लिए ज्यादा अनुसंधान और महामारी विज्ञान के आंकड़ों के विश्लेषण की जरूरत है।

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