म्योरपुर सोनभद्र (विकास अग्रहरि/पंकज सिंह)
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अच्छी फसलों को देख अच्छे उत्पादन की उम्मीद लगाए किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया लहलहाती अरहर,चना,सरसो,मटर की फसलें ओले की मार से बेजार हो चुकी है वहीं गेहूं जौ की फसलें भी क्षतिग्रस्त हो गई हैं फसल चौपट तो हुई ही ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश मकान खपरैल के हैं ओले की मार से खपरैल भी चूर चूर हो जाने से घरों में पानी टपक रहा है जिस कारण घर में बैठने तक के लिए स्थान नहीं बचा है जुलाई में अच्छी वर्षा होने के कारण दक्षिणांचल में खरीफ की फसलें काफी अच्छी थी तिल और धान के अच्छे उत्पादन का अनुमान लगाया जाने लगा था जैसे ही फसलें पक्की लगातार वर्षा ने टिल, उर्द को खेतों में ही सड़ा डाला वहीं धान खलियान में सड़ा खरीफ की फसलें नष्ट हुई तो रवि की फसलों पर उम्मीद टिकी थी जिसे ओले एवं वर्षा ने नष्ट कर डाला किसान रामदेव,राम चंद्र,हरिकिशन,अमृतलाल रामबरन अमरनाथ शिव लोचन संपत हीरा सिंह बचाउ, बुद्धू ने बताया कि फसल तो गई लागत के वापसी की भी आस नहीं रही है वही खपरैल चूर चूर हो गए अब सबसे बड़ी समस्या घर के मरम्मत की है साथ ही खेती ना होने से भोजन की भी चिंता सताने लगी है सरकारी उचित दर दुकान से मात्र 5 किलोग्राम प्रति व्यक्ति राशन मिलता है 5 किलोग्राम राशन 1 माह के लिए कहां पर्याप्त होता है कुछ ग्रामीणों तो फसल चौपट होने से इस कदर हताश हो गए हैं कि वे बाहर जा मजदूरी करने की तैयारी में जुट गए हैं ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि किसानों के मकानों के छती का उचित मुआवजा दिया जाए ताकि मरम्मत हो सके।मामले को लेकर लेखपाल सुरेन्द्र नाथ पाठक ने कहा कि मामले की जांच और स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है।