
ओम प्रकाश रावत विंढमगंज (सोनभद्र)
विंढमगंज मे परंपरागत तरीके से होलिका जलाई गई। स्थापित होलिक में शुभ मुहूर्त शाम छह बजे के बाद आग लगाई गई। इसके बाद होलिका धू-धू कर जल उठी। इस दौरान लोगों ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर होली की शुरुआत की।
नगर में होलिका दहन के पूर्व मुहल्ले के लोग सतहवनी छठ घाट के स्टेज़ में गायक कृष्ण कुमार गुप्ता और उनके साथियों ने ढोल ,बैंजु ,से लोगों को खूब झुमाया सार्वजनिक स्थानों पर ढोल-मजीरे के साथ एकत्रित हुए और झूमकर भजन व होली गीत गाए। शिव भजन से शुरू हुआ कार्यक्रम जब परवान चढ़ा तो होली की मस्ती व हुड़दंग गीतों में उतर आया।
इसके बाद टोलियां होलिका दहन स्थलों पर होली गीत गाते हुए पहुंची। जहां वैदिक मंत्रोच्चार के बीच होलिका का पूजन-अर्चन किया गया और शुभ मुहूर्त में शाम छह बजे के बाद पुरोहितों ने होलिका में आग लगाई। होलिका दहन के दौरान बच्चों ने एक-दूसरे पर अबीर-गुलाल लगाया और कबीरा गाया।
इस दौरान धूल भी उड़ाई गई। होलिका दहन के बाद लोगों ने उसकी राख माथे से लगाई और घर लौट आए। पंडित जी ने बताया कि होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। सारे गिले शिकवे भूल लोगों को मिलजुल कर होली का त्योहार मनाना चाहिए होली उमंग, उल्लास, मस्ती, रोमांच और प्रेम आह्वान का त्योहार है। कलुषित भावनाओं का होलिका दहन कर नेह की ज्योति जलाने और सभी को एक रंग में रंगकर बंधुत्व को बढ़ाने वाला होली का त्योहार आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पूरे जोश के साथ जोरों-शोरों से मनाया जाता है। भले विदेशों में मनाई जाने वाली होली का मौसम के हिसाब से समय और मनाने के तरीके अलग-अलग हो पर संदेश सभी का एक ही है- प्रेम और भाईचारा।होलिका दहन में मुस्तैद रही पुलिस- प्रशाशन और सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे!
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