विंढमगंज रेंज में झाड़ीयों के नाम पर काटी जा रही वन औषधियां व हरे पेड़ पौधे

मामला रेनुकूट वन प्रभाग के विंढमगंज रेंज के मलिया कनहर मोहान पर काटे जा रहे पेड़ो का

दुद्धी। रेनुकूट वन प्रभाग के विंढमगंज रेंज के अंतर्गत मलिया – कनहर नदी मोहान पर नदी किनारे स्थित कठ जामुन , ढेरा वन औषधियों में फुलदावरी व लालटेना व अन्य प्रकार की वन औषधियां झाड़ी के नाम पर धड़ल्ले से काटी जा रही है।हैरानी की बात यह है कि कटान एक कार्य दिन रात चल रहा है और संबंधित महकमा जान कर भी अनजान बना बैठा है।ग्रामीणों एक कहना है कि एक तरफ वन विभाग करोड़ो रूपये खर्च कर प्लांटेशन कराकर लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग बनाने का कार्य करती है वहीं दूसरी तरफ पेड़ पौधों का समुचित देखभाल नही कर पा रहीं।ग्रामीणों का कहना है कि विंढमगंज रेंज में प्लांटेशन का कार्य ढोंग ही साबित हो रहा है क्योंकि पर्यावरण व पेड़ पौधों के संरक्षण की जो जिम्मेदारी होनी चाहिए वह नहीं दिखता ,वन कर्मी ट्रैक्टर चालकों से वसूली में भागते फिरते है।लोगों का कहना है कि यह सब वन विभाग के मौन स्वीकृति में किया जा रहा है।ग्रामीण आनंद कुमार ने बताया कि यहां कोई वन कर्मी आते ही नही और कभी कभार दिखाई भी देते है तो सिर्फ ट्रैक्टर के पीछे भागते है।पर्यावरण कार्यकर्ताओं अवध नारायण , केवला प्रसाद ,उदयलाल मौर्या ने कहा कि जिस तरह वन औषधियों और पेड़ो की कटान की जा रही है और उसे बालू साइटों पर आपूर्ति की जा रही है उससे वन क्षेत्र दिन प्रतिदिन सिमटता जा रहा है और आबो हवा दूषित हो रही है।पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कर कटान की जांच किये जाने की मांग किया है।इस संदर्भ में वन क्षेत्राधिकारी विजेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि अभी मौके की जांच कर ही कोई बात कह सकूंगा।

कैप्शन: कनहर मलिया नदी मोहान पर नदी किनारे काटे गए पेड़ की ठूठ व झाड़ियां।

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