पाकिस्तान के बंकर पर आर्टिलरी फायरिंग से सीमा की सुरक्षा में तैनात मेजर बाजपेयी ने अपनी सूझबूझ ओ पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे कर दिये।

फाइल फोटो

झांसी।यूपी के बेटे मेजर अभिनव बाजपेयी ने जम्मू कश्मीर में आज ठीक एक वर्ष पहले अपनी जांबाज़ी से पाकिस्तानी सेना के दाँत खट्टे कर दिये थे । यूपी के कानपुर देहात जिले में जन्मे ,व पले बढ़े हुए मेजर अभिनव बाजपेयी ने पाकिस्तान की सेना द्वारा किये गए हमले में घायल होने के बाबजूद बहादुरी से मोर्चा सम्हालते हुये दुश्मन के दांत खट्टे कर दिये व घायल साथी का प्राथमिक उपचार कर उसे अस्पताल पहुचा कर उसकी जान बचाई । इस हमले में मेजर अभिनव बाजपेई के दोनों कानों के आंतरिक भाग डैमेज हो गये ।

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आज से ठीक एक वर्ष पहले जम्मू कश्मीर में पुलवामा में हुये। आतंकी हमले में चालीस सैनकों की शहादत से पूरे देश में पाकिस्तान के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश व्याप्त था ,भारत की सेना द्वारा पाकिस्तान की सीमा में घुसकर बालाकोट में आतंकवादियों के अड्डे को हवाई हमले से नेस्तनाबूद कर दिया गया था । उसी दौरान भारत के जांबाज पायलट अभिनन्दन ने पाकिस्तानी वायु सेना के विमान को मार गिराया व दूसरे विमान का पीछा करते पाकिस्तान की सीमा में गिरफ्तार होने पर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा हो गई थी जिससे घबराकर पाकिस्तान ने 1मार्च को रात्रि 9 बजे बाघा बॉर्डर पर अभिनन्दन को भारत को बापस कर दिया । लेकिन पाकिस्तान ने अपनी नापाक हरकत जारी रखते हुए जम्मू कश्मीर के पुंछ सेक्टर में हैवी फायर खोल दिया । पाकिस्तान की सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल के नजदीक पुँछ सेक्टर में हेवी आर्टिलरी फायर शुरू कर दिया ।
हेवी आर्टिलरी फायर सिर्फ युद्ध की घोषणा होने पर ही किया जाता है ।

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पाकिस्तानी सैनिकों ने एलओसी के अंदर नागरिक इलाकों को निशाना बनाने के लिए 105 मिमी हॉवित्जर तोपखाने का इस्तेमाल किया।पाकिस्तान की ओर से धोखे से किये गए हमले से सीमावर्ती गांव के आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई । भातीय सेना के बंकर भी नष्ट हो गया ।बंकर पर आर्टिलरी फायरिंग से सीमा की सुरक्षा में तैनात मेजर बाजपेयी ने अपनी सूझबूझ ओ पराक्रम से दुश्मन के दांत खट्टे कर दिये ।हमले में मेजर बाजपेयी व एक सैनिक बुरी तरह से घायल हो गए ।गोलों की बरसात के बीच मेजर बाजपेयी ने न केवल खुद को सम्हाला बल्कि बुरी तरह से घायल हुये सैनिक की फर्स्ट एड कर बहादुरी से जबाबी मोर्चा सम्हाला व दुश्मन के दाँत खट्टे कर दिये व घायल सैनिक की जान बचाई इस दौरान मेजर बाजपेई के कान में परमानेंट इंजरी हो गई। कानपुर देहात में पैदा हुए अभिनव बाजपेयी ने डीएवी कॉलेज कानपुर से ग्रेजुएशन की ,उनके पिता करुण भास्कर बाजपेयी पोस्टल सर्विस से सेवानिवृत्ति के बाद लखनऊ में अपने परिवार के साथ रहते हैं ,श्री करुण भास्कर बाजपेई को अपने पुत्र अभिनव के शौर्य एवं सुझबूझ पर गर्व है । मेजर अभिनव बाजपेई को उनके शौर्य के लिये गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया गया था, अब ऐसे में उत्तर प्रदेश को भी ऐसे जांबाज सेना को समर्पित और प्रदेश का नाम रोशन करने बाले मेजर बाजपेई जैसे अन्य शूरवीर को प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित और हौसला अफजाई की जानी चाहिए जिससे सैनिकों का मनोबल बड़े ।

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