सोनभद्र(शिव प्रकाश पाण्डेय)तहसील रॉबर्ट्सगंज से किसान दूधनाथ मौर्य ने 15 वर्ष पहले आँवला के 4 पेड़ लगाये थे।उन्होंने बताया की हर वर्ष पेड़ों पर फूल आते थे लेकिन फल लगने के पहले ही झड़ जाते थे।इस समस्या के कारण उनके परिवार वालों ने पेड़ काटने का मन बना लिया। इसी बीच उनके घर रिलायंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि आये जिनके द्वारा बताये गया कि रिलायंस फाउंडेशन द्वारा किसानों के लिए संचालित टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा 1800 419 8800 की भी जानकारी दी गई जिस पर कृषक भाई समय-समय पर अपनी कृषि पशुपालन एवं मौसम से संबंधित जानकारी ले सकते हैंI सुबह 9:30 से शाम 7:30 बजे तक।

इसी बीच एक वैज्ञानिक से आँवले की समस्या के विषय में उनकी बात हुई। उन्होंने आँवले के पेड़ों पर बोरान और मोनोक्रोटोफास दवा का छिड़काव करने का सुझाव दिया और साथ ही पोषक के रुप में फॉस्फेट नाइट्रोजन एवं कंपोस्ट डालने के लिए बताया। इस छिड़काव के फलस्वरूप आँवले के पेड़ों में बहुत अच्छे फल हुए।चारों पेड़ो में कुल मिलाकर एक कुंतल फल हुआ जिससे 5000 रुपये की आमदनी हुई।दूधनाथ ने आगे भी बताया की उन्होंने 2 बीघे जमीन में मिर्चे की खेती करी थी जो बरसात के कारण पूरी खराब हो गयी थी। उनका अत्यधिक धन लग गया था। इसी बीच उनके गाँव में रिलायंस फ़ाउंडेशन के एक प्रतिनिधि ने एक ऑडियो कॉन्फ्रेंस प्रोग्राम कराया जिसमें उनकी वैज्ञानिक डॉ ओंकार सिंह से सीधे मिर्चे की समस्या के बारे में बात हुई। उनके द्वारा बताई गयी दवा मैंकोजेब और कार्बन्नडाजीम 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर खेत में छिड़काव किया गया। जिससे मिर्चे की फसल फिर से हरी भरी हो गयी। इस समय वह 2,20,000 रुपये का मिर्चा बेच चुके हैं और 50,000 रुपये लागत हटाकर 1,70,000 रुपये का लाभ ले चुके हैं। दूधनाथ प्रफुल्लित होकर बोलते हैं इससे उनके परिवार का आय स्रोत बना जिसके लिए वह रिलायंस फाउंडेशन को धन्यवाद देते हैं और अन्य किसान भाइयों को भी अपनी सफलता के बारे में बताते हैं जिससे वे भी रिलायंस फाउंडेशन की सहायता का अधिक से अधिक लाभ उठा सकें।
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