–बोले, कांग्रेस लड़ेगी वंचितों की संवैधानिक लड़ाई
-संसद को गुमराह कर रही भाजपा सरकार
वाराणसी।भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की गैर लोकतांत्रिक और गैरसंवैधानिक नीतियों की जम कर आलोचना की है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर दलितों ,वंचितों और उपेक्षित समुदाय को संविधान में मिले आरक्षण के हक को छीनने और उनपर मनुवादी संस्कृति को बढाने का आरोप लगाया। वह बुधवार को वाराणसी में मीडिया से मुखातिब थे।
उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर हालिया समय में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तराखंड सरकार की भाजपा सरकार ने मिलकर देश के संविधान तथा एससी-एस टी तथा ओबीसी के आरक्षण के मौलिक अधिकार पर शरारतपूर्ण, षडयंत्रकारी व घिनौना हमला किया है। इस बात का प्रमाण उत्तराखंड में भाजपानीत सरकार की सुप्रीमकोर्ट में दी गयी दलील है जिसमे साफ तौर पर कहा गया है कि एससी एसटी वर्गों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने के प्रति सरकारों की कोई संवैधानिक जवाबदेही नही है ।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संघ प्रमुख मोहन भागवत तथा भाजपा के नेताओं द्वारा समय – समय पर आरक्षण के खात्मे को लेकर जो बयान दिए जाते रहे हैं, ताजा मामला उसी से जुड़ा हुआ है।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस घटना से यह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार आरक्षण के संविधान निहित अधिकार को ही पूरी तरह खत्म के देना चाहती है। मोदी सरकार आरक्षण व्यवस्था तोड़ने पर संसद को गुमहराह कर रही है। मोदी सरकार के व सामाजिक न्याय मंत्री ने देश को यह नही बताया कि –
1 – उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार ने कभी भी सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर नही की थी। मुकेश बनाम स्टेट ऑफ उत्तराखण्ड का सुप्रीमकोर्ट का 7 फरवरी 2020 का निर्णय उत्तराखंड की भाजपा सरकार के द्वारा दायर किये गए SPL ( civil) ) 27715 Of dated 19.11.2019 में आया है।
2 – सुप्रीमकोर्ट में अपील उत्तराखंड भाजपा सरकार द्वारा डाली गई, सुप्रीमकोर्ट में उत्तराखंड भाजपा सरकार के वकीलों ने दलील दी व उस दलील के आधार पर गरीबों के आरक्षण के अधिकार को रद्द कर दिया गया । ऐसे में कांग्रेस की पूर्व सरकार पर आरोप गढ़ने का कोई औचित्य नही बच जाता।
3 – भाजपा व संघ परिवार ने बार – बार आरक्षण पर पुनर्विचार तथा आरक्षण को खत्म करने की मांग रखी है। इस बारे में आरएएस प्रमुख मोहन भागवत व मनमोहन वैद्य का बयान उल्लेखनीय है।
उन्होंने कहाकि मोदी सरकार ने एससी- एसटी सबप्लान खत्म कर दलितों पर कुठाराघात किया है। दलितों पर मोदी सरकार में बेहिसाब हिंसा के मामले चौंकाने वाले हैं। NCB रिपोर्ट के मुताबिक सन 2017 में 43203 मामले दर्ज हुए, यानी हर रोज देश मे 118 दलित उत्पीड़न के मामले दर्ज हुए व हर घण्टे दलित उत्पीड़न के पांच मामले दर्ज हुए।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने एस सी-एसटी सबप्लान के माध्यम से गरीबों को सरकारों के बजट में जनसंख्या के अनुपात के आधार पर हिस्सेदारी की शुरुआत की थी। मोदी जी ने पिछले 5.5 साल में उस अधिकार को ही खत्म कर दिया। भाजपा सरकार में दलितों की सरकारी नौकरियों की संख्या ही लगभग 90 प्रतिशत कम हो गई। यही नही दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षित नौकरियों के बैकलॉग को भी नही भ्राज रहा । प्री – मैट्रिक स्कॉलरशिप, एससी स्कॉलरशिप स्कीम व पोस्ट मैट्रिक एससी स्कॉलरशिप स्कीम के बजट में भेव भारी कटौती हुई है।
उन्होंने कहा कि यह साफ है कि भाजपा शासन में दलित, आदिवासी, बैकवर्ड शोषण के शिकार हैं तथा न्याय से वंचित हैं । कांग्रेस नेता श्री राहुल गांधीजी ने आह्वान किया है कि कांग्रेस का हर साथी दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों ,शोषितों, वंशीटोंक संवैधानिक अधिकारों की बहाली की लड़ाई निर्णायक तौर से लड़ेंगे।