आजादी के समय से उठ रही छोटे राज्यो की मांग – पवन कुमार सिंह एडवोकेट

सोनभद्र। पूर्वांचल राज्य जनमोर्चा की एक बैठक विकासखंड रावटसगंज के ग्राम सभा कुशी दौ डौर में प्रदेश प्रवक्ता काकू सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुई जिसमें पृथक पूर्वांचल राज्य की चर्चा की गई तथा प्रदर्शन कर मांग की गई !

इस अवसर पर संगठन प्रमुख पवन कुमार सिंह एडवोकेट ने कहा कि पूर्वांचल जैसे छोटे राज्यों की मांग आजादी से पहले होती रही है पूर्वांचल राज्य वक्त की जरूरत है क्योंकि यूपी
आबादी के लिहाज से सबसे बड़े चार देशों के बाद यूपी का नंबर आता है। ये चार देश हैं चीन, भारत,अमेरिका और इंडोनेशिया। इसके बाद पांचवां नंबर यूपी का आता है।

ब्राजील की आबादी यूपी के लगभग बराबर है जो पांचवें नंबर पर है।छोटे राज्यों की आमदनी ज्यादा है प्रति व्यक्ति आय(सालाना)
गोवा 2,24,138 दिल्ली 2,19,979 सिक्किम 1,76,491चंडीगढ़ 1,56,951
पुड्डुचेरी 1,43,677 का है जबकि वित्त विभाग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी में 50,942 रुपए प्रति व्यक्ति आय है। वर्ष 2016-17 में प्रति व्यक्तिक आय का राष्ट्रीय औसत 1,03,870 था। वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1.26 लाख रुपए है। राष्ट्रीय संगठन सचिव शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू चौबे ने कहा कि पहले प्रधानमंत्री नेहरू के समय से पूर्वांचल की मांग उठती रही है। उस समय विश्वनाथ सिंह गहमरी ने नेहरू के सामने मुद्दा उठाया था। उस समय पूर्वांचल की खराब आर्थिक हालत की बात सुनकर नेहरू जी की आंखें भी भर आई थीं। आजादी के बाद कुछ उद्योग खुले लेकिन अब फिर वे बंद हो गए। विकास की बातें हुईं लेकिन पूर्वांचल पिछड़ता ही गया। अब तो सीएम भी पूर्वांचल के हैं और पीएम भी यहीं से सांसद हैं। उम्मीद है कि वह यहां का दर्द समझेंगे और अलग राज्य के लिए प्रयास करेंगे। अलग पूर्वांचल बनाए बिना विकास नहीं हो सकता।आर्थिक दृष्टि से पूर्वी यूपी लगातार पिछड़ेपन के शिकार रहा है। इसलिए पूर्वांचल राज्य अलग हो ! बैठक का संचालन फूल सिंह एडवोकेट प्रदेश संगठन सचिव ने किया ! इस अवसर पर मिथिलेश कुमार सिंह, कुलदीप सिंह ,अशर्फी सिंह, दिवाकर पटेल, संतोष त्रिपाठी, सलाउद्दीन खान, प्रदीप चौहान, कल्लू, वकील खान आदि लोग उपस्थित थे !

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