ग्रामीणों द्वारा गल्ला मांगने पर कोटेदार दे रहा एससीएसटी लगाने की धमकी,ग्रामीण पहुँचे हाकिम दरबार।

समर जायसवाल –

डीएम ,जिलापूर्ति अधिकारी ,क्षेत्रीय विधायक को भेजा शिकायत पत्र की प्रतिलिपी।

लगभग 200 कार्डधारकों का गुपचुप ढंग से राशन कार्ड बनवाकर गल्ला बेचने का आरोप ,ग्रामीण अनजान।

दुद्धी।विकास खंड से 30 किमी दूर अति दुरुह और दुर्गम गांव करहिया के बगरवा ,घिचोरवा, निमसुकट,गुलरिया टोला ग्रामीणों ने कोटेदार पर गल्ला वितरण में धांधली का आरोप लगाया है।आरोप लगाया कि कोटेदार ने हम ग्रामीणों का करीब 200 कार्ड फर्जी बनवाकर कर आबंटित गल्ले को बेच दिया जा रहा है।जो हम लोगों को पता भी नहीं चलता।फरवरी में जब सूची निकाली गयी तो मामले का पता चला।आक्रोशित ग्रामीणों ने आज तहसील दिवस में अध्यक्षता कर रहे एसडीएम से मामले कि गुहार लगाई।दिए शिकायती पत्र में ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कोटेदार से जब फर्जी कार्ड के बारे में पूछताछ की गई तो वह हम ग्रामीणों को एससीएसटी केस में फ़साने की धमकी दे रहा है।ग्रामीणों ने अवगत कराया कि जिन लोगों बको कार्ड मिला है उन्हें प्रति माह 2 यूनिट गल्ला कम ही दिया जाता है और राशन कार्ड पर पूरा चढ़ाया जाता है।कहा कि उक्त कोटेदार द्वारा घटतौली भी किया जाता है।ग्रामीणों ने जितने माह का गल्ला नहीं दिया गया या कम दिया गया उसकी प्रतिलिपि ग्रामीणों के हस्ताक्षर सहित संलग्न कर एसडीएम से मामले की जांच की गुहार लगाई।साथ ही शिकायती पत्र की प्रतिलिपी डीएम ,जिला पूर्ति अधिकारी व क्षेत्रीय विधायक को भेजकर भी न्याय की गुहार लगाई है।
ग्रामीण धर्मेंद कुमार ने मीडिया को दिए बयान में बताया कि यहां 50 प्रतिशत नए कार्डधारकों को 3 से 4 वर्ष से गल्ला नही मिल रहा गांव में कुल 576 कार्ड है।सामाजिक कार्यकर्ता गंगा यादव ने बताया कि कोटेदार सिर्फ 2 टोले के ग्रामीणों को घटतौली कर और यूनिट मार कर गल्ला वितरण करता है शेष कार्डधारकों को डंडा लेकर दौड़ाता है।बताया कि वहाँ मैन्युअल तौर पर गल्ला वितरण किया जाता है।

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