सिगरौली।-आपदाओ में स्वयं के अलावा दुसरो का ख्याल रखना जरुरी है। औद्यौगिक संस्थानो में अक्सर दुर्घटनाये सुनने को मिलती रहती है लेकिन हिण्डालको महान सुरक्षा प्रथम व शुन्य दुर्घटना के मिशन को बनाये रखने के लिये अक्सर प्रशिक्षण कार्याशाला कार्यक्रम का आयोजन करता रहता है जिसमें उनके कर्मचारी अधिकारी सुरक्षित वातावरण में अपना कार्य कर सके। इसी कड़ी में हिण्डालको महान में राष्ट्रीय आपदा राहत सेना के द्वारा प्रशिक्षण कार्याशाला का आयोजन किया गया जिसमें बनारस एन0डी0आर0एफ0 से अनिल शर्मा व उनकी टीम ने हिण्डालको महान के इमरजैन्सी रिलीफ टीम के सदस्यो का औद्यौगिक परिसर में होन वाले आपदाओ व उनसे निपटने के तरीके बताये जिसमें दुर्घटना की अवस्था में पीडि़त व्यक्ति को आपदा क्षेत्र से बाहर निकालना व उसके जीवन के संकट से बचाने की तकनिकी का प्रिक्षण दिया गया।
पीडि़त व्यक्ति को सी0पी0आर0 कैसे दिया जाय इसकी कला से भी अवगत कराया। पीडि़त व्यक्ति के हदय को सही ढ़ंग से पम्प करना व मुंह से सांस देने का सही तरीका बताना। साथ ही दे-विदे में फैले ‘‘कोरोना‘‘ वायरस के फैले मेडि़कल एमरजेंसी से भी अवगत कराया गया व उससे कैसे बचाव किया जाय व रोकथाम के तरीको को भी बताया। एन0डी0आर0एफ0 की टीम ने प्रशिक्षण पश्चात औद्यौगिक परिक्षेत्र में उन स्थानो का जायजा लिया जहां पर दुर्घटना होने की संभावना हो सकती है। साथ ही परियोजना में दुर्घटना के वक्त लोगो की मनोस्थिती व सक्रियता का जायजा लेने के लिये मौकड्रिल भी किया गया जिसमें हिण्डालको महान की संवेदनालता व मुस्तैदी की एन0डी0आर0एफ0 की टीम ने सराहना की। वही प्रशिक्षण कार्याला कार्यक्रम में पर्यावरण सुरक्षा विभाग, फायर सेफ्टी व परियोजना सुरक्षा प्रबन्धन विभाग के साथ-साथ समस्त विभागीय प्रमुखो ने इस प्रिक्षण का लाभ लिया।