लखनऊ 9 फरवरी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार एवं पुलिस की बेबसी अपराधियों के सामने साफ देखी जा रही है। राजधानी लखनऊ सहित तमाम जनपदों में हत्या, लूट की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। अपराधों पर कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बावजूद कोई अंकुश नहीं लग रहा है। जनता बुरी तरह आतंकित है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से केवल हत्या के ही आज दर्जन भर से ज्यादा समाचार मिले हैं। गाजियाबाद के निवाड़ी थाना क्षेत्र में डण्डे से पीटकर एक युवक की निर्मम हत्या हो गई। सुल्तानपुर के कूरेभार थाना क्षेत्र के ग्राम भरथी में अधेड़ की गंडासे से काटकर हत्या कर दी गई। बरेली के लाइनपुर मठिया में रिटायर पुलिस कर्मी के बेटे की हत्या हो गई। मेरठ के उद्योगपुरम् में फैक्ट्री चौकीदार की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
इनके अतिरिक्त श्रावस्ती के मल्हीपुर के तेंदुआ बरांव में युवक की गला रेतकर हत्या हुई। वाराणसी के चैबेपुर क्षेत्र के बलुआघाट में बदमाशों ने युवक की गोली मारकर हत्या कर दी। आजमगढ़ में एक महिला को घर में घुसकर गोली मार दी गई। राजधानी लखनऊ में मंडियाव क्षेत्र में एक महिला की गला दबाकर हत्या की गई जबकि पारा क्षेत्र में एक अधेड़ को डंडो से पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया गया।
राज्य में बढ़ती हत्याओं के कारण अब इसकी पहचान ‘हत्या प्रदेश‘ के रूप में भाजपा ने करा दी है। मुख्यमंत्री जी द्वारा अपराधियों के जेल में होने या प्रदेश छोड़कर चले जाने के एलान की अब कोई न तो बात करता है और नहीं उसकी नोटिस लेता है। उनकी ठोंक देंगे, बोली की जगह गोली-जैसी बातें बेमानी साबित हो गई हैं। सब जान गए हैं कि भाजपाई सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन वास्तव में वे ‘नाम बड़े दर्शन छोटे‘ कहावत को ही चरितार्थ करते हैं।
भाजपा ने तमाम आर्थिक, सामाजिक विषमताएं पैदा की हैं। समाज में नफरत बांटी है और समाज को भयाक्रांत किया है। विरोध और विपक्ष के प्रति भाजपा असहिष्णु है। उससे किसी राहत या भयमुक्ति की उम्मीद करना व्यर्थ ही है। जनता तभी तक सुरक्षित है जब तक किसी अपराधी की निगाहें उस पर न पड़े या फिर भाग्य के सहारे बचा रहे।