धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से अब हम विद्यार्थियों के लिए कुछ उपाय..….
आशा है विद्यार्थी लोग बताए गए किसी भी एक उपाय को यदि करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता मिलेगी | परन्तु उपाय तभी सार्थक होता है जब वे मेहनत के साथ विद्याध्ययन करें |
01- जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण कर घर-परिवार व संसार को कुछ कर दिखलाना चाहते हैं, उन्हें नित्यप्रति निम्नलिखित मन्त्र का जाप अपने गृह मन्दिर में, प्रात: स्नानोपरान्त “21” जाप करना चाहिए……
मन्त्र :—
ॐ मा निषाद् प्रतिष्ठाम् त्वम् गम: शाश्वती: शमा: यत् | कौन्जमिथुनादेकमवधि: कामनोहितम् ||
02- प्रात:काल स्नान करके देवी सरस्वती के चित्र पर श्वेत पुष्प अर्पित कर निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मन्त्र का जाप नित्य “108” बार करने पर उत्तम शिक्षा प्राप्त होगी तथा शिक्षा की बाधाएं दूर हो जाएंगीं|
मन्त्र :—
01- अध्यात्ममधिदैवच्च देवानाम् सम्यगीश्वरी |
प्रत्यगास्ते वदंती या सा मां पातु स्वरस्वती ||
02- यां विदित्वाखिलं बन्धम् निर्मश्याखिलर्वलना |
योगी याति परं स्थानम् सा मां पातु सरस्वती ||
03- विद्यार्थियों के लिए निम्नलिखित मन्त्र बड़ी ही उपयोगी है| यदि किसी विद्यार्थी को पाठ शीघ्र न होता हो तो या याद करने के बाद शीघ्र भूल जाता हो, तो उस स्थिति में विद्यार्थी को निम्नलिखित मन्त्र को एकाग्रचित् होकर मां स्वरस्वती का ध्यान करते हुए *21″ बार मन ही मन जपना चाहिए | ध्यान् व विश्वास से मन्त्र के जपने से वह याद किया हुआ कभी नहीं भूलेगा |
मन्त्र :—
ओम् श्रीं ह्रीं स्वरस्वत्यै स्वाहा |
सुमिरत करत श्राप सब दाहा ||
तुम प्रसन्न हो निकट पधारी |
वरदे कियो मुनहि सुखारी ||
04- जीवन में अाजीविका सम्बन्धी कार्य हो, प्रतियोगिता अथवा परीक्षा में सफलता, नवदुर्गा की उपासना सर्व फलदाई होती है | रजत अथवा ताम्रपत्र पर यन्त्र बनवाकर विधिवत् प्राणप्रतिष्ठा करें | तत्पश्चात् घी का दीपक जलाकर निम्नलिखित नवार्णमन्त्र का जाप 21 दिन में एक लाख कर के दशांश हवन करें | जप नियत संख्या में निश्चित समय पर प्रतिदिन करना चाहिए | नवार्ण मन्त्र की साधना विद्यार्थियों को सदा फलीभूत होती है |—–
मन्त्र :—
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे|
05 :— स्मरणशक्ति की कमी के कारण जो विद्यार्थी पाठ्यक्रम में पिछड़ रहा है, उसे निम्नलिखित ऋचा का नित्य पाठ करना चाहिए | पांच बार जप कर लेना ही प्रयाप्त होगा | :—
मन्त्र :—
सदसस्पतिमभ्दूतम् प्रिमिंद्रस्य काभ्यम् | सनि मेधामयासिवम् ||
06:– विद्यार्थियों को ज्ञान प्राप्त करने के लिए “मंगलवार व शनिवार” को “सुन्दरकाण्ड” का पाठ करना लाभकारी होता है | प्रत्येक रविवार को सूर्यनारायण का पूजन व विना नमक का भोजन करने से स्वरस्वती की विशेष कृपा तथा ज्ञान की प्राप्ति होती है ||
07:— अभिमन्त्रित स्वरस्वती यन्त्र को स्थापित करके निम्नलिखित मन्त्र की एक माला *108 बार जप करने से विद्या की प्राप्ति होती है |
मन्त्र :—
ओम् महिषासुरनिर्णाशि भक्तानाम् सुखदे नम: |
रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि ||
08 :– किसी शुभ तिथि में प्रात: उठकर एवं नहा-धोकर निम्नलिखित मन्त्र का सवा लाख जप करने से स्वरस्वती देवी आकर्षित होकर विद्या का दान देती हैं | ( यदि यह जाप एक दिन में सम्भव न हो तो इसे एक सप्ताह में अवश्य ही पूरा कर लेना चाहिए व इस समय पूर्ण सात्विकता से रहना चाहिए व बाहरी भोजन का भी त्याग करना चाहिए |
मन्त्र :—
ॐ वाग्वादिनी एवा मिन्सहरा ||
09 :— मंदबुद्धि विद्यार्थियों को निम्नलिखित मन्त्र को नित्य नहा-धोकर एवं पवित्र आसन पर बैठकर, धूप-दीप जलाकर भक्तिपूर्वक “21” बार जपना चाहिए | एक माह तक नियमित जप करने से स्वरस्वती देवी प्रसन्न होकर विद्या प्रदान करती हैं |……
मन्त्र :—
ॐ ह्रीं श्रीं ऐं वद् वद् वाग्वादिनी | स्वरस्वती तुष्टि पुष्टि तुभ्यम् नम:||
10 :— यदि किसी प्रकार के वाणी विकार के कारण बालक स्कूल जाने में हिचकिचाता है तो सामान्य बजाने वाले शंख में जल भरकर पूजा स्थल में रख दें और दूसरे दिन प्रात: खाली पेट शंख का जल बालक को पिला दें | यह क्रिया नित्य तब तक करते रहें जब तक वाणी दोष समाप्त नहीं हो जाता | और वाणी दोष जल्द ही समाप्त हो जाएगा |