उत्तर प्रदेश वेब मीडिया नीति वर्ष 2016 में प्रख्यापित की गयी थी, जिसका मुख्य उद्देश्य न्यूज़ वेबसाइट्स/पोर्टल्स को शासकीय विज्ञापन प्रदान किया जाना है। नीति में प्रादेशिक प्राथमिकताओं के समावेश हेतु यथा आवश्यक संशोधन किया गया है।
प्रदेश सरकार की नीतियों, उपलब्धियों तथा कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किये जाने हेतु वेबसाइट्स को उनके विगत दो वर्षाें के प्रदर्शन के आधार पर ‘सूचीबद्ध’ किया जाएगा। विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डी0ए0वी0पी0) की नीतियों के अनुसार वेबसाइटों को विज्ञापन प्रदान करने हेतु हिट्स की संख्या को 2.5 लाख से कम कर 0.5 लाख किया गया है, ताकि अधिक से अधिक वेबसाइट के माध्यम से प्रदेश सरकार के नीतियों, उपलब्धियों तथा कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
वेबसाइट की गणना अन्तर्राष्ट्रीय स्वीकृत एवं विश्वसनीय थर्ड पार्टी टूल्स (गूगल एनालिटिक्स, काॅमस्कोर आदि) द्वारा किया जाएगा। इनकी गणना का आधार यूनिक यूजर होगा। वेबसाइटों की पांच श्रेणियां बनायी गयी हैं। इसका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा वेबसाइटों के माध्यम से प्रदेश सरकार की नीतियों, उपलब्धियों तथा कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सके। विज्ञापन निर्गत किए जाने हेतु सम्बन्धित वेब माध्यम को सभी प्रमुख ब्राउजर्स (मोबाइल ब्राउजर्स सहित) में काॅम्पैटिबल होना आवश्यक है।
संशोधित नीति में वेब मीडिया में विज्ञापन अधिकतम एक वेब पृष्ठ प्रति वेबसाइट के प्रतिबन्ध को समाप्त कर दिया गया है, ताकि अधिक से अधिक विज्ञापन के माध्यम से प्रदेश सरकार की नीतियों, उपलब्धियों तथा कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जा सके।
उत्तर प्रदेश वेब मीडिया नीति-2016 में संशोधन
लखनऊ।मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश वेब मीडिया नीति-2016 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है।