सोनभद्र।आज पूर्वांचल राज्य जन मोर्चा की बैठक की गई। जिसमें अध्यक्षता शिव प्रकाश चौबे उर्फ राजू ने की, उन्होंने कहा 1962 में उठा।
पूर्वांचल के पिछड़ेपन का मुद्दा आजादी के बाद सबसे पहले 1962 में उठा जब गाजीपुर के सांसद विश्वनाथ गहमरी ने गाजीपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश के पिछड़ेपन, गरीबी की दास्तान संसद में रो-रोकर सुनायी। गहमरी के उस मुद्दे पर संसद में मौजूद सांसद ही नहीं तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी अवाक रह गए। तब नेहरू ने पटेल आयोग का गठन किया। आयोग की रिपोर्ट भी आ गई पर धऱातल पर उसका क्रियान्वयन 2020 तक नहीं हो पाया। इसके पीछे राजनीतिक दलों की उदासीनता सीधे तौर पर जिम्मेदार रही। खास तौर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ही कहीं ज्यादा जिम्मेदार रहे। कहा जाता है कि यदि पटेल आयोग की रिपोर्ट पर अमल हुआ होता तो पूर्वांचल के हर जिले की तस्वीर कुछ और होती। उपस्थित ईश्वर जयसवाल दीप नारायण पटेल अतुल कनौजिया आदि उपस्थित रहे।
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