स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से बिस्तर में बच्चों का पेशाब करना…….
बच्चों का थोड़ा बड़े होने पर पेशाब करना आजकल एक आम समस्या है। इस समस्या के बहुत से कारण हो सकते हैं। कई अनुभवियों के अनुसार स्नायु विकृति के कारण या पेट में कीड़े होने पर भी बच्चे सोते हुए बिस्तर पर पेशाब कर देते हैं। पेशाब की नली में रोग के कारण भी बच्चा सोते हुए पेशाब कर देता है.।
कई बार कुछ गरिष्ठ भोजन व ठंडे पदार्थों के अधिक सेवन से भी यह समस्या उत्पन्न हो जाती है। इस समस्या को समाप्त करने के लिए कोई भी औषधि देने से पूर्व माता-पिता को बच्चे के भोजन की कुछ आदतें सुधारनी जरूरी हैं।
सबसे पहले रात में जब बच्चा सोने के लिये जाए, तब उसे पानी बिल्कुल भी ना पिलाएं। इससे वह रात को शांति से सोएगा और बिस्तर भी गीला नहीं करेगा। आप अपने बच्चे को डांट कर नहीं समझा सकते कि वह बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर दे। इससे बच्चों को बुरा भी लग सकता है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे जिससे आप अपने बच्चे को बिस्तर पर पेशाब करने से रोक सकती हैं।
1. बच्चों को सोने से एक घंटा पहले भोजन करा देना चाहिए और सोने के बाद उसे जगाकर कुछ भी खाने-पीने को नहीं देना चाहिए। बच्चे को बिस्तर पर जाने से पहले एक बार पेशाब अवश्य करा देना चाहिए ।
हाँ, कुछ औषधियों द्वारा भी इस समस्या का समाधान सम्भव है।
2 पचास ग्राम अजवायन का चूर्ण कर लें। प्रतिदिन एक ग्राम चूर्ण को रात को सोने से पूर्व बच्चे को खिलाएं। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से यह रोग ठीक हो जाता है।
3 दो मुनक्कों के बीज निकालकर उसमें एक एक काली मिर्च डालकर बच्चों को रात को सोने से पहले खिला दें। ऐसा दो हफ़्तों तक नियमित रूप से सेवन करने से यह बीमारी दूर हो जाती है।
4 प्रतिदिन दो अखरोट और बीस किशमिश बच्चों को खिलाने से बिस्तर में पेशाब करने की समस्या दूर हो जाती है।
5 रात को सोते समय बच्चों को शहद खिलाने से यह रोग समाप्त हो जाता है।
6 जामुन की गुठलियों को छाया में सुखाकर बारीक पीस लें। इस चूर्ण का दो दो ग्राम की मात्रा दिन में दो बार पानी के साथ सेवन करने से बच्चे बिस्तर पर पेशाब करना बंद कर देते हैं।
7 250 मिली दूध में एक छुहारा डालकर उबाल लें इसे दो घंटे तक रखा रहने दें। इसके बाद इसमें से छुहारा निकाल कर बच्चे को खिला दें और इस दूध को हल्का गर्म करके ऊपर से पिला दें। ऐसा प्रतिदिन करने से कुछ ही दिनों में बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना बंद हो जाता है।