सोनभद्र।सेवा समर्पण संस्थान सम्बद्ध अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम उत्तर प्रदेशकी तरफ से आदिवासी बच्चों को किया गया स्वेटर व जैकेट वितरण ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हरीशचंद्र त्रिपाठी जिला कार्य समिति सदस्य सेवा समर्पण संस्थान ने जैकेट व स्वेटर वितरण करने के पूर्व आदिवासी समाज व बच्चों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आजादी के 73 साल बाद भी भारत के आदिवासी उपेक्षित, शोषित और पीड़ित नजर आते थे। राजनीतिक पार्टियाँ और नेता आदिवासियों के उत्थान की बात करते थे, लेकिन उस पर अमल नहीं करते थे।आदिवासी किसी राज्य या क्षेत्र विशेष में नहीं हैं, बल्कि पूरे देश में फैले हैं। ये कहीं जाति वाद से जूझ रहे हैं तो कहीं अलगाववाद की आग में जल रहे थे।
जल, जंगल और जमीन को लेकर इनका शोषण निरंतर चला आ रहा था। यह तो नींव के बिना महल बनाने वाली बात हो गई थी । देश में अभी भी आदिवासी दोयम दर्जे के नागरिक जैसा जीवन-यापन कर रहे थे। जाति वाद हो या अलगाववाद, पहले शिकार आदिवासी ही होते थे। उड़ीसा के कंधमाल में धर्मांधता के शिकार आदिवासी हुए। छत्तीसगढ़, उड़ीसा और झारखंड में आदिवासी नक्सलवाद की त्रासदी झेल रहे हैं। मेघालय, नगालैंड, अरुणाचल प्रदेश और कुछ आदिवासी बहुल प्रांतों में यह समुदाय अलगाववाद का शिकार समय-समय पर होता रहता है। आतंकवाद आयातित है, जबकि जाति वाद देश की आंतरिक समस्या हो गयी थीं । यह समस्या देश को अंदर ही अंदर घुन की तरह खोखला करती जा रही थी।ईन्हे आंतरिक रूप से मजबूत करने के होने चाहिए। अन्यथा चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों को देश को अस्थिर करने का मौका मिलता रहेगा। नहीं सब बातों को ध्यान में रखकर वर्तमान सरकार व सेवा समर्पण संस्थान समाज के अग्रणी लोगों को जागृत कर उनके बीच में काम करने का प्रेरणा भर रहा है। विष्शिट अतिथि आलोक कुमार चतुर्वेदी जिला कार्य समिति सदस्य सेवा समर्पण संस्थान सोनभद्र ने कहा है कि वनवासी समाज वह समाज है जो वास्तव में प्रकृति को संरक्षित कर रहे हैं और सेवा समर्पण संस्थान इस समाज को विकसित कर भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने का काम कर रहा है। ये लोग आधुनिक सुख सुविधाओं के मोह से अलग प्राकृतिक संसाधनों पर अपना जीवन व्यतीत करने में प्रसन्न हैं। सेवा समर्पण संस्थान आदिवासी समाज जगाने का कार्य कर उन्होंने वनवासी समाज के आदिवासी समाज मुख्यधारा में शामिल हो रहे है। शिक्षा, स्वास्थ्य, धर्म संस्कृति से जुड़ककर पूरा भारत एक हो रहा है। आदिवासी कल्याण आश्रमों के माध्यमों से देश की कमजोर कड़ी को मजबूत बनाने का कार्य किया है। कार्यक्रम कि अध्यक्षता मुन्ना धागर पूर्व जिला पंचायत सदस्य व उतर प्रदेश आदिवासी धागर महासभा के जिला उपाध्यक्ष ने किया, संचालन जितेंद्र कुमार प्रधानाध्यापक आदिवासी विकास सेवा समिति दुपटिया ने किया कार्यक्रम में श्री राम आधार सेवानिवृत्त वन दरोगा एवं उत्तर प्रदेश आदिवासी धागर महासभा के जिला अध्यक्ष, बीरबल धागर प्रधान, राधा मैडम, कुमारी पूजा, राजकरण ,विजय कुमार, राजकुमार, नंदलाल सहायक अध्यापक, संजय कुमार सहायक अध्यापक,
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