प्राथमिक विद्यालय कोंगा की वीडियो वायरल।

पानी मिलाकर खाना खिलाने व भरपूर मात्रा में खाना न देने का छात्र ने लगाया आरोप।

बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)

मासूमों के रक्षक बने एमडीएम के भक्षक।

अपने विद्यालय के छात्र रसोईयां विभागीय अध्यापक पत्रकार सबको गलत होने का लगाया आरोप।

मामला बभनी विकास खंड के कोंगा गांव का।

बभनी। विकास खंड के कोंगा गांव में बुधवार को एक वीडियो वायरल हुई है जिसमें एक विजय शंकर नामका क्षात्र से पूछा गया था कि खाने में क्या समस्या है तो पहले विजय शंकर अध्यापक के भय से कुछ बोल नहीं पा रहा था जब यह पूछा गया कि खाने में क्या मिला है तो उसने बताया कि आलू गोभी की सब्जी और चावल जब उसी विद्यालय के अध्यापक के द्वारा पूछा कि खाना पूरी तरह से मिला है कि नहीं तो उसने बताया नहीं और इतना बताते हुए चुप हो गया जब किसी के द्वारा पूछा गया कि डरो मत बताओ क्या समस्या है तो उसने बताया कि खाने में पानी डालकर मिला है और जब वायरल हुई दूसरी वीडियो में रसोईयां सामान मंगाने की बात कहीं तो उच्च प्राथमिक विद्यालय कोंगा के प्रभारी प्रधानाध्यापक रमाशंकर गुप्ता के द्वारा कहा गया कि सामान कोई पत्रकार थोड़ी दिलाएगा जब रसोईयों ने कहा कि पत्रकार क्यों दिलाएंगे गुरुजी दिलाएंगे तो अध्यापक ने कहा कि गुरुजी क्यों दिलाएंगे आप समझिए गुरुजी दिलाने वाले नहीं हैं इन सभी बातों को सुनते हुए यह बात सामने आती है कि विद्यालय में एमडीएम की सामग्री पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध न हो पाने के कारण रसोईयों ने किसी से इसकी शिकायत कीं और अध्यापक गुस्से में आकर सामान न दिलाने की बात कही। बताते चलें कि वेब पोर्टलों के माध्यम से बुद्धवार को उसी विद्यालय की खबर चली थी जब सभी अध्यापक जिले पर प्रर्दशन के लिए गए थे तब शासन के द्वारा विद्यालय बंद का कोई ऐसा आदेश जारी नहीं किया गया था और कुछ विद्यालयों में विद्यालयों का संचालन शिक्षामित्रों के द्वारा किया गया तो कहीं रसोईयों ने किया वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालय कोंगा के प्रभारी प्रधानाध्यापक रमाशंकर गुप्ता से बात किया गया था तो उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय का संचालन शिक्षामित्र संजय कुमार के द्वारा किया जा रहा है और वही खबर चलने के पश्चात रमाशंकर ने पत्रकारों पर आरोप लगाते हुए ग्रुपों में कुछ मैसेज वायरल किया गया था कि पत्रकारों के द्वारा प्रकाशित की गई खबर गलत है। और अपने विभागीय अध्यापकों पर आरोप लगाते हुए लिखा गया है कि कुछ विभागीय अध्यापकों के द्वारा गलत सूचना देकर खबर प्रकाशित कराई गई है यदि प्रभारी प्रधानाध्यापक महोदय के बातों को ध्यान से देखा जाए तो सही कौन? विद्यालय का छात्र जिसने बयान दिया या विभागीय अध्यापक जिनके ऊपर आरोप लगाया गया है विद्यालय की रसोईयां जो खाना बनाने के लिए सामान की मांग कर रही हैं या सभी पत्रकार जो पूरे विकास खंड के सभी विद्यालयों की सूचना प्राप्त कर खबर प्रकाशित किए। यदि देखा जाए तो अध्यापक अपने आप को बचने के चक्कर में एक लाईन से सबको दोषी बनाया।

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