स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण और निर्मल गंगा जीवन के लिए जरूरी- डॉ0 प्रमोद कुमार

ओबरा(सतीश चौबे)स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में प्रदेश शासन के निर्देशानुसार गंगा यात्रा के सम्बन्ध में निर्मल गंगा जागरूकता अभियान पर वीडियो कॉन्फ्रेंस व परिचर्चा के कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को किया गया नगर के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा के स्मार्ट क्लास में सम्पन्न हुआ।

जिसमें प्रोजेक्टर के माध्यम से छात्र छात्राओं को गंगा जी की भौगोलिक स्थिति व स्वच्छता के महत्व के बारे में परिचर्चा की गयी।परिचर्चा के अन्तर्गत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रमोद कुमार ने गंगा को साफ रखने के लिए आस पास के जगहों को साफ रखने का संदेश दिया और बताया कि स्वच्छता,पर्यावरण संरक्षण व गंगा को प्रदूषण रहित रखना हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।इसके बिना हम अपने जीवन की कल्पना नही कर सकते।घाटों पर गंदगी ना करें।फूल व अन्य पूजन सामग्रीयो का विसर्जन गंगा में ना करें।वही मुख्यशास्ता डॉ राधा कान्त पाण्डेय ने गंगा से जुड़ी पौराणिक कथाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा जान्हवी और भागीरथी कहलाने वाली गंगा नदी भारत के सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक हैं।यह मात्र एक जल का स्रोत नही है,बल्कि भारतीय मान्यताओं में यह नदी पूज्यनीय हैं।जिसे गंगा माँ अथवा गंगा देवी के नाम से जानते हैं।
प्राध्यापक ज्ञानेंद्र कुमार सिंह ने गंगा जी भौगोलिक स्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि गंगा भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदियों में से एक है।यह उत्तर भारत के मैदानों की विशाल नदी हैं।गंगा भारत और बांग्लादेश में मिलकर 2510 किलोमीटर की दूरी तय करती हुई उत्तरांचल में हिमालय से निकलकर बंगाल की खाड़ी में भारत के लगभग एक चौथाई भू क्षेत्र को प्रवाहित होती है।वही महाविद्यालय में चल रहे रोवर्स रेंजर शिविर के तीसरे दिन रेंजर प्रभारी प्रो राजेश प्रसाद व रेंजर्स प्रभारी डॉ विभा पाण्डेय ने संयुक्त रूप से कहा कि गंगा है तो हम है।गंगा धार्मिक सांस्कृतिक ऐतिहासिक व आर्थिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है।इसकी स्वच्छता के लिए जन जन की भागीदारी अहम हैं।परिचर्चा का संचालन कर रहें निर्मल गंगा स्वच्छता अभियान के जनपद सोनभद्र के नोडल अधिकारी प्रो उपेन्द्र कुमार ने कहा कि प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह गंगा स्वच्छता के प्रति व्यक्तिगत रूप से जगरुक हो और दूसरों को भी जगरुक करने का कार्य करें।

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