नागरिकता संसोधन अधिनियम2019 धार्मिक प्रताड़ना से पीड़ित शरणार्थियों को राहत देगा – सुरेन्द्र अग्रहरि

समर जायसवाल –

मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने C A A का समर्थन किया।

विंढमगंज (सोनभद्र) 9 दिसम्बर को लोकसभा और 11 दिसम्बर 2019 को राज्यसभा में पास होने वाला नागरिकता संसोधन विधेयक (सीएबी)12 दिसम्बर 2019 को देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी के हस्ताक्षर होने के साथ ही नागरिकता संसोधन अधिनियम(सीएए) 2019 बन गया जिसके चलते धार्मिक प्रताड़ना के पीड़ित शरणार्थियों को स्थायी राहत मिलेगी ।उक्त बातें भारतीय जनता पार्टी के नेता डीसीएफ चेयरमैन सुरेन्द्र अग्रहरि ने विंढमगंज मण्डल के महुली सेक्टर में मुस्लिम बस्ती मेंआयोजित जागरूकता अभियान के तहत कही।उन्होंने कहा कि नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू ,सिख, बौद्ध,पारसी,ईसाई और जैन समुदायों के लोगो को भारतीय नागरिक बनाने का प्राविधान है।31 दिसम्बर 2014 तक उक्त समुदाय के शरणार्थी यदि भारत में प्रवेश कर लिए है तो उन्हें भारत की नागरिकता 1955 की तीसरी अनुसूची का संसोधन कर नागरिकता के लिए पात्र बनाया गया है। अधिनियम बनने से पूर्व तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 वर्ष तक भारत में रहना अनिवार्य था।नए अधिनियम में प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक अगर 5 वर्ष भी भारत में रहे हो तो उन्हें भारत की नागरिकता दी जा सकती हैं।यह भी व्यवस्था की गई हैं कि उनके विस्थापन या देश में अवैध निवास को लेकर उन पर पहले से चल रही कोई भी कानूनी कार्रवाई स्थायी नागरिकता के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नही करेगी। अग्रहरि ने कहा कि यह अधिनियम करोड़ों लोगों को सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करेगा।पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यको को भी जीने का अधिकार है।इन तीन देशों में अल्पसंख्यक समुदाय की आबादी में काफी कमी आई हैं, ऐसे लोग या तो मार दिये गए या उनका जबरन धर्मान्तरण करा दिया गया या वे शरणार्थी बनकर भारत में आए।तीनो देशों से आए धर्म के आधार पर प्रताड़ित ऐसे लोगों को संरक्षित करना इस अधिनियम का उद्देश्य है।भारत में रहने वाले अल्पसंख्यको का इस अधिनियम से कोई अहित नही है। इस अधिनियम का उद्देश्य उन लोगों को सम्मानजनक जीवन देना है जो दशको से पीड़ित थे। यह उन निश्चित वर्गों के लिए है जिनके धर्म के अनुसरण के लिए इन तीन देशों में अनुकूलता नही है और उनको प्रताड़ित किया जा रहा है।इसमें उन तीन देशों के अल्पसंख्यको को ही नागरिकता देने का प्रावधान है।

इस अवसर पर वफातंन बीबी, अफसाना खातून, नजीबन खातून, जहाना बेगम, अफरोज जहाँ, गयासुद्दीन, रियाजुद्दीन अन्सारी, सलमा खातून, मुस्लिम निशा, ख़ुशबुन निशा, सोनी बेगम, मैमून निशा, बीबी फातमा, मैरून खातून, जोहरा खातून,आशिया बेगम ,जैबुन निशा ,शाहिदा खातून ,संजीदा खातून , के साथ कई मुस्लिम समुदाय की महिलाओं ने नागरिकता संसोधन अधिनियम 2019 का हाथ उठाकर समर्थन किया ।साथ में विंढमगंज मण्डल के जिला प्रतिनिधि पंकज गोस्वामी ,पूर्व जिला मंत्री भाजयुमो मोहित अग्रहरि उपस्थित रहे।

Translate »