ओबरा/सतीश चौबेस्थानीय राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय ओबरा में गुरुवार को छात्रसंघ महामंत्री हरज्योत सिंह मोगा के नेतृत्व में वीर शहीद उधम सिंह की जयंती मनाई गई।इस दौरान सभी ने उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।कार्यक्रम में शहीद उधम सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया गया।मौके पर छात्रसंघ महामंत्री श्री मोंगा ने बताया कि उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब के संगरूर जिले के सुनाम गाँव में काम्बोज जाटव परिवार में हुआ था।सन 1901 में उधमसिंह की माता और 1907 में उनके पिता का निधन हो गया।इस घटना के चलते उन्हें अपने बड़े भाई के साथ अमृतसर के एक अनाथालय में शरण लेनी पड़ी।उधम सिंह का बचपन का नाम शेर सिंह और उनके भाई का नाम मुक्तासिंह था जिन्हें अनाथालय में क्रमश: उधमसिंह और साधुसिंह के रूप में नए नाम मिले। इतिहासकार मालती मलिक के अनुसार उधमसिंह देश में सर्वधर्म समभाव के प्रतीक थे।अनाथालय में उधमसिंह की जिन्दगी चल ही रही थी कि 1917 में उनके बड़े भाई का भी देहांत हो गया।वह पूरी तरह अनाथ हो गए।1919 में उन्होंने अनाथालय छोड़ दिया और क्रांतिकारियों के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में शमिल हो गए।उधमसिंह अनाथ हो गए थे, लेकिन इसके बावजूद वह विचलित नहीं हुए और देश की आजादी तथा डायर को मारने की अपनी प्रतिज्ञा को पूरा करने के लिए लगातार काम करते रहे।वही छात्र संघ उपाध्यक्ष महेश कुमार यादव एवं छात्र नेता अखिलेश यादव ने कहा कि सरदार उधम सिंह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के महान सेनानी एवं क्रान्तिकारी थे।उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल को लन्दन में जाकर गोली मारी।वे एक सच्चे देशभक्त एवं क्रांतिकारी थे।वही छात्र नेता शैलेश कुमार ने कहा कि वीर शहीद उधम सिंह एक सच्चे देशभक्त के रूप में हमारे देश के लिए काम किये एवं जलिया वाले बाग कांड के समय पंजाब के गवर्नर जनरल को गोली मारी।इस अवसर पर छात्र नेता शुभम कुमार, सूरज कुमार, सुजीत ठाकुर, विकेश कुमार, राम सकल, नवनीत कुमार, मुकेश कुमार, मेघनाथ, सुशील कुमार, मुर्शीद आलम, रोहित शर्मा आदि मौजूद रहे।