धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से शमी वृक्ष की महिमा….
पौराणिक मान्यताओं के अनूसार शमी का वृक्ष बड़ा ही मंगलकारी माना गया है।
घर में शमी का पेड़ लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है।
शमी का वृक्ष, घर के ईशानकोण (पूर्व और उत्तर दिशा के कोण) में लगाना लाभकारी होता है।
शमीवृक्ष, शनि ग्रह के प्रकोप से भी बचाता है। न्याय के देवता शनिदेव को खुश करने के लिए शास्त्रों में कई उपाय बताए गए हैं, जिनमें शमी के पेड़ की पूजा भी शामिल है।
शनिदेव की टेढ़ी नजर से रक्षा करने के लिए शमी के पौधे को घर में लगाकर उसकी पूजा करनी चाहिए।
नवग्रहों में शनि महाराज को न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है, इसलिए जब शनि की दशा आती है, तब जातक को अच्छे-बुरे कर्मों का पूरा फल प्राप्त होता है।
यही कारण है कि शनि के प्रकोप से लोग भयभीत रहते है।
पीपल और शमी दो ऐसे वृक्ष है जिन पर शनि का प्रभाव होता है.
पीपल का वृक्ष बहुत बड़ा होता है, तथा वास्तु शास्त्र के अनूसार इसे घर में लगाना शुभ नहीं होता है, अतः घर मे शमी का वृक्ष लगाकर नियमित रूप से इसकी पूजा की जाए और इसके नीचे सरसों तेल का दीपक जलाया जाए, तो शनि ग्रह के कुप्रभाव से बचाव होता है।
शमी के वृक्ष पर कई देवताओं का वास होता है। सभी यज्ञों में शमी वृक्ष की समिधाओं का प्रयोग शुभ माना गया है।
शमी के कांटों का प्रयोग तंत्र-मंत्र बाधा और नकारात्मक शक्तियों के नाश के लिए भी होता है।
शमी के पंचांग, यानी फूल, पत्ते, जड़ें, टहनियां और रस का इस्तेमाल कर शनि संबंधी दोषों से जल्द मुक्ति पाई जा सकती है।
शमी पत्र से भगवान शिव के पुजन का भी विधान है।
पौराणिक मान्यता….
पौराणिक मान्यता है कि लंका पर विजयी पाने के बाद भगवान श्रीराम ने शमीवृक्ष का पूजन किया था। नवरात्री में माँ दुर्गा का पूजन शमी वृक्ष के पत्तों से करने का विधान है, गणेश जी और शनिदेव, दोनों को ही शमी पत्र बहुत प्रिय है।